जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को फसल आच्छादन की प्रतिदिन समीक्षा करने का निदेश दिया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी वर्षापात के आंकड़ों, डीजल अनुदान, उर्वरक की उपलब्धता, विद्युत आपूर्ति, राजकीय नलकूपों की स्थिति इत्यादि पर लगातार नजर रखेंगे तथा स्थिति के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करेंगे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी फसल आच्छादन का नियमित तौर पर प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
आज के इस बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिला में खरीफ वर्ष 2023-24 में धान एवं मक्का के आच्छादन की समीक्षा की गई। मक्का का लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 90.96 प्रतिशत तथा धान का लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि 34.88 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला कृषि पदाधिकारी धान आच्छादन में आँकड़ों की पुनः समीक्षा करें। ऐसा प्रतीत होता है कि किसान सलाहकारों के हड़ताल के कारण क्षेत्रों से आँकड़ों का सही से संकलन नहीं किया गया है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान पता चलता है कि जिले में धान की रोपनी की अच्छी स्थिति है। विगत वर्ष भी इस समय तक वर्षापात की लगभग बराबर स्थिति थी। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भी धान आच्छादन की लगभग बराबर स्थिति ही होनी चाहिए।
जिलाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि विभाग के दिशा-निदेशों के अनुरूप डीजल खरीफ अनुदान हेतु ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करें। सभी प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी इसका पर्यवेक्षण करेंगे।
जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि जिला में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। अगस्त माह की मांग के अनुसार यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता है। वर्तमान में 17,583.307 मे.टन यूरिया उपलब्ध है। जिलाधिकारी के निदेशानुसार सभी किसान भवनों पर उर्वरक उपलब्धता की सूचना प्रदर्शित की गई है ताकि किसान दिग्भ्रमित न हों। वित्तीय वर्ष 2023-24 में अभी तक उर्वरक से संबंधित 54 छापामारी की गई है। जिला में उर्वरक के 43 थोक बिक्रेता तथा 828 खुदरा बिक्रेता हैं। बीज बिक्रेताओं की संख्या 614 तथा कीटनाशी बिक्रेताओं की संख्या 382 है। मुख्यमंत्री बागवानी मिशन अंतर्गत आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। पशुपालन विभाग में 39 प्रकार की दवा पशु चिकित्सा हेतु उपलब्ध है। 57,616 पशुओं को चिकित्सा उपलब्ध करायी गई है। प्रत्येक पशु चिकित्सालय में चिकित्सा प्राप्त पशुओं की संख्या औसतन 1108 है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को निरंतर विद्युत आपूर्ति हो इसके लिए कृषि फीडर में 12 घंटे (छः बजे पूर्वाह्न से छः बजे अपराह्न तक) विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। विद्युत कार्यपालक अभियंता इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा लघु सिंचाई प्रमंडल अंतर्गत प्रखंडवार नलकूपों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल ने बताया कि जिले में कुल 886 नलकूप है जिसमें 510 कार्यरत है तथा 376 अकार्यरत है। यांत्रिक दोष के कारण 104, विद्युत दोष के कारण 118, संयुक्त दोष के कारण 124 तथा अन्य दोष के कारण 30 बंद है। बाढ़ अनुमंडल में 37 नलकूप, दानापुर अनुमंडल में 28 नलकूप तथा पालीगंज अनुमंडल में 16 नलकूप विद्युत दोष के कारण बंद है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विद्युत दोष वाले राजकीय नलकूपों को संबंधित विद्युत कार्यपालक अभियंता तुरत ठीक कराकर चालू करें ताकि किसान सुविधाजनक ढंग से रोपनी कर सके। उन्होंने नलकूप विभाग के कार्यपालक अभियंता को तीनों अनुमंडलों में कल ही नलकूप विभाग की टीम भेजकर विद्युत कार्यपालक अभियंताओं तथा अनुमंडल पदाधिकारियों के साथ समन्वय कर नलकूपों को ठीक कराने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह द्वारा लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता तथा सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को विशेष प्रयास कर विद्युत अथवा यांत्रिक दोष के कारण बंद राजकीय नलकूपों की नियमानुसार मरम्मति करवाकर क्रियाशील करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी द्वारा आज की महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, विद्युत कार्यपालक अभियंता, बाढ़ तथा कार्यपालक अभियंता नहर प्रमंडल खगौल का वेतन अवरूद्ध करते हुए उन सभी से स्पष्टीकरण करने का निदेश दिया गया। साथ ही सभी अनुपस्थित पदाधिकारियों को कल पुनः प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।