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सहकारिता विभाग की योजनाएँ एवं उपलब्धियाँ।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग, बिहार डॉ० प्रमोद कुमार द्वारा अपने कार्यालय वेश्म में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेस मीडिया को संबोधित किया गया। इस अवसर पर सचिव, सहकारिता विभाग श्री धर्मेन्द्र सिंह, अपर सचिव, सहकारिता विभाग श्री अभय कुमार सिंह एवं सहकारिता विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

माननीय मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभाग की उपलब्धियों के बारे में निम्नांकित विषयों के संबंध में जानकारी साझा कीः-

* अधिप्राप्ति: खरीफ विपणन मौसम 2025-26 अन्तर्गत किसानों से धान अधिप्राप्ति कार्य 28 फरवरी 2026 तक संचालित है। अब तक कुल प्रदत लक्ष्य 36.85 लाख मे.टन के विरूद्ध 6620 समितियों के माध्यम से 1.32 लाख किसानों से 9.53 लाख मे. टन धान की अधिप्राप्ति की गयी है तथा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 1755 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। समितियों के आर्थिक सुदृढीकरण के उद्देश्य से प्रबंधकीय अनुदान मद में गत खरीफ विपणन मौसम में 121 करोड़ रूपये राशि का भुगतान किया गया है।

किसानों से धान क्रय की पारदर्शी
व्यवस्था बनाने एवं धान अधिप्राप्ति का नियमित अनुश्रवण करने हेतु मुख्य सचिव, बिहार के स्तर से सभी जिला पदाधिकारियों को अतिरिक्त गोदाम की व्यवस्था, इच्छुक किसानों की सूची बनाने एवं उनसे क्रय कराने आदि आवश्यक निदेश दिये गये हैं।

किसानों को जानकारी उपलब्ध कराने एवं उनकी समस्या / शिकायतों के निवारण हेतु सहकारिता विभाग द्वारा IVRS Call Centre (सुगम) संचालित है, इसका Toll Free No.-1800 1800 110 है। साथ ही, मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष की भी स्थापना की गई है, जिसका नम्बर-0612-2200693 है।

सहकारी समितियों में भंडारण क्षमता का सृजन :
राज्य के सहकारी समितियों में 7221 गोदाम निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिससे 17 14 लाख एम.टी. भंडारण क्षमता का सृजन हो चुका है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2025-26 में 278 गोदाम निर्माण हेतु 1000 मे0टन/500 मे0टन/200 मे0टन का गोदाम निर्माणाधीन है। इससे 2.49 लाख एम.टी. भंडारण क्षमता का सृजन हो सकेगा।

बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना :

आधारभूत संरचना का विकास

राज्य के कुल 114 प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों (PVCS) में आधारभूत संरचना का कार्य प्रगति पर है। सरकार का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से सभी 534 PVCS में आधारभूत संरचना विकसित करना है।
इसके अंतर्गत कोल्ड स्टोरेज, 20 मीट्रिक टन ड्राइ कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग ग्रेडिंग-पैकिंग यूनिट तथा प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे फसल उपरांत नुकसान में कमी आएगी। गत सप्ताह मुंगेर जिले के 5 और प्रखण्ड मे आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है।

प्याज भंडारण (50 मीट्रिक टन) एवं तरकारी आउटलेट

वैज्ञानिक पद्धति से 50 मीट्रिक टन क्षमता के प्याज़ भंडारण ढाँचों का निर्माण वर्तमान में 26 PVCS में प्रगति पर है। भविष्य में इस सुविधा को राज्य के सभी PVCS तक विस्तार देने का लक्ष्य रखा गया है। उपभोगताओं को सीधे ताजी सब्जी पहुँचने के उद्देश्य से 18 स्थलों पर तरकारी आउटलेट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

प्लास्टिक क्रेट वितरण

सब्ज़ियों की सुरक्षित हैंडलिंग, परिवहन तथा नुकसान में कमी लाने के उद्देश्य से सभी PVCS में प्लास्टिक क्रेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मूलभूत उपकरणों की उपलब्धता

प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियों स्तर पर तौल मशीन, हैंडलिंग उपकरण एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करने की योजना के अंतर्गत 239 प्राथमिक सब्जी उत्पादक समितियाँ लाभान्वित हैं।

प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण

योजना के अंतर्गत मास्टर ट्रेनर, PVCS पदाधिकारी तथा किसानों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि वे तकनीकी, प्रबंधकीय और विपणन स्तर पर सशक्त बन सकें और सहकारी मॉडल को सफल बना सकें। वर्तमान में कुल 8866 किसानों 201 मास्टर ट्रेनर्स एवं 226 PVCS के पद धारक प्रशिक्षित किए गए है।

भविष्य की योजनाएँ

भविष्य मे मेगा फूड पार्क, प्रोसेसिंग यूनिट, पॉली हाउस, रीफर गाड़ियों का खरीद, पैकेजिंग हाउस, डिहाइड्रेशन यूनिट, हल्दी प्रसंस्करण यूनिट, टमाटर प्रसंस्करण यूनिट आदि जैसी योजनाएँ प्रस्तावित हैं।

बिहार राज्य फसल सहायता योजना इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, मक्का,सोयाबीन, आलू, बैंगन, टमाटर, गोभी एवं मखाना तथा रबी मौसम में गेहूँ, रबी मकई, चना, मसूर, अरहर, राई-सरसो, ईख, प्याज, आलू, बैंगन, टमाटर, गोभी एवं मिरचाई को आच्छादित किया गया है। इसके अतिरिक्त योजना के प्रारंभ से अब तक 33.19 लाख किसानों को 2206.84 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है।

नई परियोजनाएँ / योजनाएँ-

CSC (Common Service Centre)

बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 300 प्रकार की सेवाएँ पैक्स द्वारा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगभग 6292 पैक्सों में कॉमन सेवा केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें से 5262 समितियाँ क्रियाशील है। अभी तक पैक्सों द्वारा 5 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया गया है।

FPO (Farmer Producers Organization) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहयोग से राज्य के 21 जिलों के 100 चयनित पंचायतों में आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज के उचित मूल्य एवं कृषि इनपुट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से पंचायत स्तरीय 100 किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन किया गया है। सहकारी बैंक के स्तर पर 15 CBBO (Cluster Based Business Organisation) का गठन किया गया है, जिनके द्वारा FPO को प्रशिक्षण एवं Hand holding किया जा रहा है। NCDC के सहयोग से प्रबंधकीय सहायता भी दी गई है। इन सभी FPOs में NCDC के सहयोग से मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी एवं लेखपाल की नियुक्ति की गई है।

FPO के माध्यम से पश्चिम चंपारण जिला में चनपटिया मिक्स मरचा चुड़ा, भागलपुर जिला में बटन मशरूम, नालंदा में ऑवला मुरब्बा, कटिहार में मखाना आदि का व्यवसाय प्रारंभ किया जा चुका है।

जन औषधि केन्द्र की स्थापना –
इस योजना के तहत राज्य के चयनित 420 पैक्सों में से 302 पैक्सों में जन औषधि केन्द्र की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में 30 पैक्सों को ड्रग लाइसेंस और 26 को स्टोर कोड तथा 22 पैक्सों में जन औषधि केन्द्र का संचालन प्रारंभ हो गया है।

पैक्स कम्प्यूटराइजेशन- योजनांतर्गत प्रथम चरण में राज्य में 4477 पैक्सों को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। द्वितीय चरण में 1601 पैक्सों में कम्प्यूटरीकरण हेतु राज्य स्तरीय अनुश्रवण एवं कार्यान्वयन समिति (SLMIC) द्वारा अनुमोदित कर प्रस्ताव सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। तृतीय चरण में शेष सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण किया जाना प्रस्तावित है। अभी तक 4462 पैक्सों को Go-Live किया जा चुका है।

बहुराज्यीय सहकारी समितियों की सदस्यताः- वर्तमान में NCEL (National Cooperative Export Ltd) में 432, NCOL (National Cooperative Organic Ltd) में 395 एवं BBSSL (Bhartiya Beej Sahkari Samiti Ltd) में 4447 समितियों द्वारा आवेदन किया गया है। इन बहुराज्यीय सहकारी समिति से होने वाले लाभ के संबंध में राज्य की सहकारी समितियों को जिला सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है।

* मुख्यमंत्री आदर्श पैक्स प्रोत्साहन योजना इस योजना के तहत राज्य के अच्छे कार्य करने वाले पैक्सों को राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार के रूप में 15 लाख, द्वितीय पुरस्कार-10 लाख रूपये एवं तृतीय पुरस्कार 7 लाख रूपये दिया जाता है। जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार-5 लाख, द्वितीय पुरस्कार-3 लाख एवं तृतीय पुरस्कार-2 लाख रूपये दिया जाता है। वर्ष 2025-26 में कुल 100 पैक्सों को 3.6 करोड़ रूपये प्रोत्साहन के रूप में दिया गया है।

* रोजगार सृजन वर्ष 2024-25 में सहकारिता विभाग अंतर्गत 07 सहायक निबंधक, 05 निम्नवर्गीय लिपिक एवं 04 कार्यालय परिचारी की नियुक्ति की गई है। वर्ष 2025-26 में उत्कृष्ट खिलाड़ी कोटे से 20 निम्नवर्गीय लिपिकों की नियुक्ति की गई है। 33 सहायक निबंधक, 04 जिला अंकेक्षण पदाधिकारी, 502 सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, 32 अंकेक्षक, 259 निम्नवर्गीय लिपिक, 07 आशुलिपिक एवं 90 कार्यालय परिचारियों की नियुक्ति हेतु अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग / बिहार कर्मचारी चयन आयोग से की गई है एवं नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। बिहार राज्य सहकारी बैंक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा विभिन्न संवर्ग में कुल 257 पदाधिकारियों / कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।
राज्य एवं प्रमंडल स्तर पर परिसंघ एवं संघ का गठन

राज्य अन्तर्गत सब्जी उत्पादकों को उचित मूल्य, बाजार, प्रसंस्करण एवं भण्डारण की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रखण्ड स्तर पर सब्जी समितियाँ, प्रमण्डल स्तर पर सब्जी संघ एवं राज्य स्तर पर परिसंघ का गठन किया गया है। राज्य अन्तर्गत 534 प्रखण्डो में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियाँ, 09 प्रमण्डल स्तरीय संघ एवं एक राज्य स्तरीय सब्जी परिसंघ का गठन किया जा चुका है।

सहकारी क्षेत्र में वस्तुओं और सेवाओं के विपणन हेतु प्रमंडल एवं राज्य स्तर पर क्रमशः विपणन सहकारी संघ एवं परिसंघ का गठन किया जा रहा है। प्रमंडल स्तर पर गठित होने वाले संघ के सदस्य प्राथमिक समितियाँ यथा पैक्स एवं अन्य समितियाँ जो विपणन का कार्य करती हो तथा राज्य स्तर पर गठित होने वाले विपणन सहकारी परिसंघ में प्रमंडल स्तरीय संघ, प्रखण्ड स्तर पर गठित व्यापार मंडल एवं अन्य केन्द्रीय सहकारी समितियाँ, केन्द्रीय को-ऑपरेटिव बैंक सहित सदस्य होंगे। परिसंघ के माध्यम से सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं का विपणन किया जायेगा। संघ एवं परिसंघ के गठन हेतु उपविधियाँ अनुमोदित कर अधिसूचित कर दी गयी है। प्रमंडल स्तरीय 08 संघों का गठन किया जा चुका है। परिसंघ के गठन की कार्रवाई की जा रही है।

मत्स्यपालन के क्षेत्र में प्राथमिक सहकारी समितियों को बेहतर तकनीकी सहयोग एवं इनपुट उपलब्ध कराने तथा नेतृत्व प्रदान करने के उद्देश्य से प्रमंडल/जिला स्तर पर संघ एवं राज्य स्तर पर परिसंघ का गठन किया जाएगा। इसके लिए उपविधियाँ तैयार की जा चुकी है एवं मत्स्य विभाग को आवश्यक अग्रेतर कार्रवाई हेतु संसूचित किया जा चुका है।

शहद उत्पादन एवं विपणन के क्षेत्र में राज्य अंतर्गत 145 प्राथमिक समितियाँ प्रखंड स्तर पर गठित की गयी है। शहद प्रसंस्करण सुविधाएँ उपलब्ध कराने उनकी ब्रांडिंग पैकेजिंग तथा मूल्य वर्धित उत्पादों को तैयार करने एवं उनके विपणन में सहयोग करने के उद्देश्य से “बिहार राज्य शहद प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी संघ लि.” का गठन किया जा चुका है।

बुनकर सहयोग समितियों के लिये अभी राज्य अंतर्गत कुल 4 बुनकर संघ गठित है। प्राथमिक बुनकर समितियों को कच्चा माल उपलब्ध कराना तथा उनके द्वारा तैयार मूल्य वर्धित उत्पाद को उचित मूल्य दिलाने हेतु बुनकर संघों द्वारा कार्य किया जायेगा। राज्य स्तर पर बुनकर परिसंघ का गठन किये जाने की योजना है।

बकरी पालकों को उचित मूल्य, बाजार, आधारभूत सुविधा एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रखण्ड स्तर पर प्राथमिक बकरी पालक सहकारी समिति का गठन किया जा रहा है एवं प्रमण्डल स्तर पर संघ तथा राज्य स्तर पर परिसंघ के गठन की योजना है।

मधुबनी के सकरी एवं दरभंगा के रैयाम में बंद पड़े चीनी मिलों की भूमि पर सहकारी चीनी मिल स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लि., नई दिल्ली के प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तर पर विचार-विमर्श किया गया है।
> बिहार में कुल 23 जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं राज्य स्तर पर बिहार राज्य सहकारी बैंक है। 2025 में इन सभी बैंकों के द्वारा निम्न उपलब्धियाँ हासिल की गई-

अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2025 के उपलक्ष्य में प्रत्येक माह पूरे राज्य में विभिन्न स्थल पर वित्तीय कार्यक्रम जैसे वित्तीय साक्षरता कैंप, जमा वृद्धि, ऋण वसूली, KCC कैंप का आयोजन हुआ। इसके साथ योग दिवस, वृक्षारोपण, सोनपुर मेला आदि में भी भागीदारी रही।

इस वर्ष ‘सहकारिता में सहकार योजना के अंतर्गत विभिन्न सहकारी समिति COMFED (सुधा), जीविका, PACS/ PVCS आदि को सहकारी बैंकों से जोड़ने हेतु जिला एवं राज्य स्तर पर समन्वय कार्यक्रम कर विभिन्न समितियों को बैंक मित्र के रूप में विकसित करते हुए माइक्रो एटीएम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सेवा का विस्तार किया जा रहा है।

व्यवसाय में विविधता हेतु सहकारी बैंकों में GOLD LOAN, अमृत आत्मनिर्भर योजना, JLG/SHG Financing, 100 FPO को विकास करने के साथ 4477 पैक्सो को कम्प्यूटरीकरण कर पारदर्शिता के साथ दक्षता में भी सहयोग किया जा रहा है।

ग्राहकों को बीमा देने की सुविधा देने हेतु BSCB द्वारा भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) से लाईसेंस प्राप्त कर वर्त्तमान में SBI INSURANCE से टाई अप कर ग्राहकों एवं ऋण का बीमा किया जा रहा है।

ग्राहकों को आधार के माध्यम से भुगतान हेतु AePS का भी लाईसेंस प्राप्त किया जा चुका है। इसी के साथ ग्राहक अब DIGILOCKER पर अपने खाता की विवरणी भी देख सकते हैं।

धान अधिप्राप्ति 2024-25 में सहकारी बैंक के माध्यम से कुल 4.63 लाख किसानों का 9120 करोड़ रूपये भुगतान किया गया है।

Annual Credit Plan 2024-25 में Target 8619.20 करोड़ रूपये के विरूद्ध 13028 करोड़ रूपये का वित्त पोषण किया गया, जो लक्ष्य का 151% है एवं 2025-26 में 13230 करोड़ का लक्ष्य है जिसके लिए बैंक तत्पर है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 69598 कृषकों को 256.84 करोड़ रु० का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण वितरित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में दिनांक 20.12.2025 तक कुल 28147 कृषकों को 104.54 करोड़ रु० का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण वितरित किया गया है।

महिला सशक्तिकरण के उदेश्य से संयुक्त देयता समूह (JLG) की महिलाओं के माध्यम से बैंक के दरभंगा, सहरसा, बिहट, मोतिहारी शाखा एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मगध, बेगुसराय, गोपालगंज एवं पाटलिपुत्र द्वारा 14500 सदस्यों को 53.21 करोड़ ऋण विभिन्न कृषि संबद्ध गतिविधियों के लिए दी है जिनसें महिलाओं को आर्थिक बल मिल रहा है।

बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह (SHG) को ऋण की सुविधा दी जा रही है। वर्तमान में 143 समूह को 2.79 करोड़ रूपये दिया गया है।

वर्तमान में भारत सरकार / राज्य सरकार की योजना “PACS as MSC (Multi Service Center) को विकसित करने हेतु कुल 05 पैक्स (03 बेतिया, 01 गोपालगंज 01 सिवान) में परियोजना चल रही है।

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