संजय कुमार अग्रवाल, सचिव कृषि सह परिवहन विभाग ,बिहार के द्वारा आज जहानाबाद जिला के समहरनालय सभागार में परिवहन एवं कृषि विभाग दोनों की समीक्षा की गई इस दौरान परिवहन कार्यालय एवं कृषि विभाग के जिला स्तरीय ,प्रखंड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।

नवीन कुमार रौशन/सर्वप्रथम जिला में परिवहन विभाग के द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं तथा परिवहन से संबंध किस तरह की समस्याएं आ रही हैं इसकी विस्तृत समीक्षा की गई। जिला परिवहन पदाधिकारी श्री राहुल कुमार द्वारा समीक्षा के लिए रिपोर्ट सचिव महोदय के समक्ष रखी गई।श्री अग्रवाल, द्वारा जिला में बस स्टैंड की स्थिति पर निराशा व्यक्त की गई एवं जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि बस स्टैंड का निरीक्षण करते हुए एवं उनको मॉडर्नाइज करने के लिए क्या व्यवस्था की जा सकती है सभी के लिए एक प्रपोजल बनाकर विभाग को भेजें,विभाग इस मामले में तुरंत निष्पादन की इच्छा रखता है।
सचिव महोदय द्वारा जिला के पुलिस अधीक्षक श्री अरविंद प्रताप सिंह से पूछा गया की क्या जिला में ऐसे ब्लैक स्पॉट है,जहां दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है? इस बिंदु पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अद्यतन ऐसा कोई ब्लैक स्पॉट संज्ञान में नहीं है तथापि उनके द्वारा इस तरह के संभावित ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर लिया जाएगा एवं जिला स्तरीय मासिक रोड सेफ्टी की बैठक में स्पीड ब्रेकर या फिर अन्य जो भी उपाय दुर्घटना से बचने के लिए किया जा सकते हैं उस पर अंतिम निर्णय लेकर कार्यवाही की जाएगी।सचिव महोदय के द्वारा इस संबंध में भी चिंता जताई गई की बस पड़ाव के अभाव में सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियां किसी भी स्थान पर रुक कर यात्रियों को उठाती हैं और इससे यात्रियों को भी परेशानी होती है एवं आवागमन में समय भी ज्यादा लगता है ।साथ ही बस पड़ाव के अभाव में गर्मी तथा बरसात में यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है ।अतः परिवहन विभाग उन सभी संभावित स्थलों को चिन्हित करें जहां बस पड़ाव बनाए जा सकते हैं एवं इसके लिए प्रपोजल विभाग को भेजें।
सड़क दुर्घटना यथा हिट एंड रन के मामलों में ससमय मुआवजा आश्रित को उपलब्ध हो इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2022 से कुल 75 मामलों में मुआवजा के लिए आवेदन प्राप्त है जिनमें से 68 मामलों में लाभ दिया जा चुका है ।सचिव महोदय द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि बचे हुए मामलों का भी सत प्रतिशत निष्पादन कर ले एवं नए मामलों में भी ससमय भुगतान सुनिश्चित करें।
हेलमेट कवरेज के लिए कार्य करने का निर्देश दिया गया एवं जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि इसमें सख्ती से कार्य करें। पहले चरण में रोको टोको के तहत कार्य करें एवं दूसरे चरण में फाइन करना सुनिश्चित करें। इसके लिए पहले से ही आम जनों को सूचना प्राप्त हो जानी चाहिए ।होर्डिंग ,फ्लेक्स एवं जिला के सोशल मीडिया पेज का बेहतर उपयोग करें ताकि लोगों को पता हो कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है एवं हेलमेट का उपयोग उनकी आदतों में शामिल हो जाए। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को हेलमेट के उपयोग के लिए लोगों को लगातार प्रेस विज्ञप्ति एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया गया।
जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा सचिव महोदय को अवगत कराया गया कि जल्द ही जिले के काको मोड एवं अरवल मोड़ पर कैमरा के माध्यम से मॉनिटरिंग का कार्य शुरू हो जाएगा और ऐसे में जो भी परिवहन के नियमों को तोड़ते हुए पाए जाएंगे एवं ओवर स्पीडिंग या फिर बिना हेलमेट के वाहन चलाते हुए पाए जाएंगे उन पर कार्यवाही की जाएगी एवं इसकी मॉनिटरिंग करते हुए फाइन /चालान की प्रति उनके घरों पर भेज दी जाएगी। सचिव महोदय ने इस पर संतोष व्यक्त किया एवं निर्देश दिया कि इसे जल्द से जल्द इसे अधिस्थापित कराए।
इसके पश्चात जिला में कृषि विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई सचिव महोदय द्वारा इस बात पर जोर दिया गया कि मात्र धान एवं गेहूं की फसल से किसानों की वित्तीय स्थिति नहीं सुधारी जा सकती है एवं यह कृषि के विकास के लिए घातक है। अतः फसल के बहुआयामी चक्र को अपनाया जाए एवं अलग-अलग तरह के फसलों के प्रति किसानों का रुझान विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। विगत दो-तीन सालों से जहानाबाद जिला सुखाड की स्थिति से जूझता रहा है ,ऐसे में मक्का या फिर मोटे अनाज जो की कम पानी में भी अच्छी पैदावार देते हैं एवं इसके लिए बाजार भी उपलब्ध है के प्रति किसानों को तैयार करें। मोटे अनाज के 151 क्विंटल बीज जिला में प्राप्त हुए थे जिसमें मात्र 69 क्विंटल ही वितरण हुआ है, इस पर सचिव महोदय ने रो स व्यक्त किया और कहा कि जिला पदाधिकारी उन सभी पर कार्रवाई करे जो की बीज वितरण में कोताही बरतते हैं।
मक्का, बेबी कॉर्न एवं स्वीट कार्न के 143 क्विंटल प्राप्त वीडियो में मात्र 32 क्विंटल का हीं वितरण हो चुका है। इसी प्रकार अरहर के 129 क्विंटल बिज जहानाबाद जिलों को प्राप्त हुए थे जिसमें मात्र 30 क्विंटल बीच का ही वितरण किसको के बीच हुआ है, जबकि अरहर के लिए क्लस्टर का लक्ष्य 14 है।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी द्वारा समीक्षा के क्रम में बताया गया कि काको के कृषि समन्वयक द्वारा इंटरेस्ट नहीं लिए जाने के कारण मक्के एवं मोटे अनाज के बीज वितरण में कमी आई है इसे देखते हुए सचिव महोदय द्वारा काको प्रखंड के सारे कृषि समन्वयको के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया गया।
सचिव महोदय द्वारा निर्देश दिया गया की नीलगाय एवं जंगली सूअर का प्रकोप यदि जिले में है और उनके द्वारा फसल को नुकसान होता है तो इस संबंध में पंचायत के मुखिया, कृषि सलाहकार एवं कृषि समनव्यक से संयुक्त रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया गया, जिस में यह दर्ज हो कि उनके पंचायत में लगभग कितनी संख्या में नीलगाय या जंगली सूअर हैं। यह प्रतिवेदन जिला वन पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाए जिससे कि वह कार्यान्वन कर सके ।साथ ही विभाग इन मामलों में सतर्क है एवं यदि जिले से अधि याचना प्राप्त होती है तो नीलगाय एवं जंगली सूअर की संख्या सीमित करने के लिए सूटर की व्यवस्था की जाएगी जो की कानूनी मानकों के तहत इनकी संख्या में कमी लाने में सक्षम है।
कृषि में बागवानी की स्थिति की समीक्षा करते हुए सचिव महोदय द्वारा गेंदा के फूल ,केला ,नारियल, पपीता की खेती करने का निर्देश दिया गया एवं उनके लिए निर्धारित क्लस्टरों में लक्ष्य के अनुरूप बागवानी हो इसे सुनिश्चित करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया। केला की बागवानी जिसमें कृषि विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर 46000 तक की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है एवं 3 साल तक कृषक इससे फल प्राप्त कर सकते हैं एवं प्रति एकड़ 3 से 4 लाख की वार्षिक आमद की जा सकती है। अतः केला की बागवानी में संभावनाओं को देखते हुए सचिव महोदय द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को केले की बागवानी के लिए किसानों को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया।
अभी तक स्वीकृत कस्टम हायरिंग सेंटर को भी जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया गया।
समीक्षा के क्रम में अवगत कराया गया कि धान के 81% बीच का वितरण जिले में कर लिया गया है। साथ ही मृदा के नमूना जांच के 6600 नमूने संग्रहित किए गए हैं जिनमें से 3975 प्रयोगशाला में प्राप्त करा दिए गए हैं।जिला पदाधिकारी श्रीमती अलंकृता पांडे को निदेश दिया गया कि स्वयं के स्तर से बीज वितरण एवं पौध वितरण के कार्यों की समीक्षा करें साथ ही सभी प्रखंडों के वैसे किसान जो की आगे बढ़ना चाहते हैं उनके साथ लगातार बैठक करें कि वह धान गेहूं जैसे प्रचलित फसलों के अलावा बागवानी तथा मोटे अनाज और मशरूम की खेती भी करें।