किशनगंज में मनाया गया सुरक्षित मातृत्व एवं परिवार नियोजन दिवस, महिलाओं को मिली आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं

किशनगंज,21जुलाई(के.स.)। “अगर मां स्वस्थ नहीं होगी, तो आने वाली पीढ़ी कैसे मजबूत होगी?” — इसी भावना को साकार करते हुए सोमवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच, परिवार नियोजन साधनों का वितरण, तथा जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
मातृ स्वास्थ्य जांच और उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान
अभियान के तहत महिलाओं की HIV, सिफलिस, हीमोग्लोबिन, वजन, रक्तचाप एवं अन्य जांच की गई। उन्हें आयरन व कैल्शियम की गोलियां, टीटी इंजेक्शन व अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं। कई महिलाओं का अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी किया गया। उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें विशेष निगरानी में रखने के निर्देश दिए गए।
परिवार नियोजन: जनसंख्या नियंत्रण नहीं, स्वस्थ भविष्य की नींव
सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ. शबनम यास्मीन ने कहा, “परिवार नियोजन केवल बच्चों की संख्या कम करना नहीं, बल्कि पूरे परिवार को सुरक्षित और स्वस्थ रखना है।” इस अवसर पर योग्य दंपतियों को गर्भनिरोधक इंजेक्शन (अंतरा), पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, छाया गोली और अन्य निःशुल्क साधन वितरित किए गए।
11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन पखवाड़ा
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि 11 से 31 जुलाई तक जिले में परिवार नियोजन पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस क्रम में शुक्रवार को विशेष मेला का आयोजन हुआ, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के साधनों पर परामर्श और वितरण की व्यवस्था की गई।
पुरुषों की भागीदारी भी जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि “परिवार नियोजन को केवल महिलाओं की जिम्मेदारी समझना गलत है। पुरुष नसबंदी एक सरल और सुरक्षित प्रक्रिया है और यदि पुरुष आगे आएं, तो महिलाओं पर बोझ कम होगा।” उन्होंने बताया कि विभाग पुरुषों को जागरूक करने के लिए विशेष पहल कर रहा है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य है असली विकास
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “एक जागरूक और स्वस्थ परिवार ही सशक्त समाज की नींव रख सकता है। मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना प्रशासन की प्राथमिकता है।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इन अभियानों का लाभ उठाएं।
“यह केवल सेवा नहीं, सामाजिक परिवर्तन है”
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने कहा कि यह अभियान केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक बदलाव की ओर एक बड़ा कदम है। “जब मां स्वस्थ होगी, तभी बच्चा स्वस्थ होगा और तभी हर परिवार को बेहतर भविष्य मिलेगा।”
रिपोर्ट/धर्मेन्द्र सिंह