सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का बयान पलायन रोको, नौकरी दो।..
पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा को मिला बिहार का प्रतिसाद
ऋषिकेश पांडे/बिहार ने कभी हार नहीं मानी, भाजपा-जेडीयू की हार के आगे बिहार की जीत है बिहार के युवाओं के पलायन को रोकने के लिए और उनको नौकरी का अधिकार दिलाने के लिए पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा का आगाज़ भारतीय युवा कांग्रेस एवं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने 16 मार्च, 2025 को भीती हरवा गांधी आश्रम, पश्चिमी चंपारण से किया था। यह वही पावन भूमि है, जहाँ से महात्मा गांधी ने ब्रिटेनी हुकूमत कि खिलाफ किसानों के लिए सत्याग्रह प्रारंभ किया था। 26 दिन से यह यात्रा बिहार में विभिन्न स्थानों से होकर पटना पहुँची है। इस यात्रा को बिहार के लाखों नागरिकों का प्रतिसाद और साथ मिला। महिला आॅटोचालक संघ, पेंडिंग सेना भर्ती समूह, रीगा चीनी मिल मजदूर, कोशी विकास प्राधिकरण संघ, मक्का किसान, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी निर्माण, जमीन अधिग्रहण से प्रभावित वर्गों जैसे अनेक संस्थानों, पीड़ित लोगों और संघों का पूरी यात्रा में साथ रहा।
पलायन का अर्थ है – पल पल की यातना, बिहार के नौजवानों ने जो यातना सही है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। बिहार के युवा को अपने भविष्य का सपना साकार करने के लिए बिहार से पलायन को मजबूर किया गया, न बिहार में अच्छी शिक्षा के अवसर दिए गए न रोजगार के। जैसे-जैसे बिहार में जेडीयू-भाजपा का गठबंधन फलता-फूलता गया, वैसे-वैसे बिहार की स्थिति बद से बदतर होती गई। न यहाँ उद्योग-धंधे लगे और जो विरासत में मिले थे, वो भी बंद हो गए। न इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया, न अच्छे शैक्षणिक संस्थान खोले गए। न स्वास्थ की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई गई। बिहार के युवाओं की असीम इच्छा शक्ति का साथ जेडीयू-भाजपा सरकार ने नहीं दिया, बल्कि युवाओं के भविष्य को लूट लिया। उसे इस सरकार ने प्रवेश और भर्ती परीक्षा में बोली लगा कर बेच खाया।
जेडीयू भाजपा का पाप – पलायन बना अभिशाप!
1ण् केंद्र सरकार के आँकड़ों के अनुसार, बिहार में कुल 2,98,57,554 रजिस्टर्ड मजदूर हैं। बिहार और देश की सरकार का मानना है कि यह वास्तविक संख्या 3 करोड़ 45 लाख है। खुद श्रमिकों ने यह बताया है कि 94 प्रतिशत लोगों की आमदनी 10,000 रुपये प्रतिमाह से कम है और इसमें से अधिसंख्य पलायन के लिए विवश किए गए हैं।
2ण् बीते वर्षों इंस्टीट्यूट आॅफ पाॅपुलेशन साईंस की रिपोर्ट में यह चैंकानेवाला खुलासा हुआ कि बिहार की लगभग आधी आबादी पलायन के लिए मजबूर है।
3ण् जेडीयू-भाजपा सरकार द्वारा भर्ती और प्रवेश परीक्षा के घोटाले करके बिहार के युवाओं के भविष्य की बोली लगाई।
ऽ बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ, अमीन भर्ती परीक्षा का पेपर बेचा गया, बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ।
ऽ बिहार उत्पाद विभाग का पेपर लीक हुआ।
ऽ बीपीएससी 67वीं पीटी का पेपर लीक हुआ।
ऽ केंद्रीय चयन परिषद का पेपर लीक हुआ।
ऽ बिहार राज्य स्वास्थ्य सोसायटी, सीएचओ स्वास्थ्य विभाग, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की आॅनलाईन परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ।
ऽ नीट का पेपर लीक हुआ।
ऽ बीपीएससी शिक्षक परीक्षा का पेपर लीक हुआ।
ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जब युवाओं के भविष्य को बेचा गया। सत्ता की सरपरस्ती में भविष्य बेचने का यह धंधा हजारों करोड़ का है।
4ण् पलायन की सबसे बड़ी तस्वीर कोविड की महामारी के समय सामने आई थी, जब लाखों बिहार के लोग देश के कोने-कोने में सड़कों पर दर-बदर की ठोकर खाते हुए दिखाई दिए।
5ण् बिहार के बच्चों ने अपना भविष्य बनाने के लिए सुदूर देश के कोने-कोने में भटक कर कहीं चैकीदार की, तो कहीं वेटर की नौकरी कर रहे हैं, कहीं प्रतिभावान होते हुए बिहार में अवसर न मिलने की वजह से ये काम करने को मजबूर किए जा रहे हैं। कहीं आतंकी की गोलियों का शिकार हो रहे हैं, तो कहीं अपमान का घूंट पी रहे हैं।
बीते 15-20 सालों में जेडीयू-भाजपा के गठबंधन ने बिहार के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाई है। बिहार की खुद्दारी को चुनौती दी है। मगर बिहार ने कभी हार नहीं मानी, वो भाजपा और जेडीयू को हराएगा और चुनौतियों को अवसर में बदलेगा।