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किशनगंज : एनएच 27 पर बंगाल के रामपुर में एसबीआई के वैन से लुटे गए 2 करोड़ 3 लाख रुपये।

मामले में कई अनसुलझी गुत्थी आ रही है सामने। वैन के सभी कर्मी थे बंगाल के।रुपये जमा करने से पहले या बाद में क्यों नही भरवाया गया था डीजल।

  • बंगाल पुलिस किशनगंज पुलिस के साथ नहीं पहुंची थी घटना स्थल।

शहर से सटे बंगाल के चाकुलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर पेट्रोल पंप के निकट मंगलवार को एसबीआई के कैश वैन से दो करोड़ से अधिक की राशि की लूट हो गई। सदर थाना में पहुंचे कैश वैन के ड्राइवर ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। लूट बंगाल में घटित हुई इस कारण सदर थाना पुलिस ने बंगाल पुलिस को घटना की जानकारी दी। गौर करे की एनएच 27 पर बंगाल के रामपुर में एसबीआई के वैन से लुटे गए 2 करोड़ 3 लाख रुपये मामले में कई अनसुलझी गुत्थी सामने आ रही है। इसमे रुपये लेकर एसबीआई के मुख्य शाखा से निकले सभी पांचों कर्मियों में तीन कर्मी बंगाल के ही रहने वाले है। इन कर्मियो में विनय कुमार मंडल बारसोई, कटिहार (कर्मी) दशरत राउत (कर्मी) बारसोई, कटिहार, जमील अख्तर (चालक) ग्वालपोखर, सुल्तान (गैनमैन) ग्वालपोखर व मो० गुलजार हुसैन (गनमेन) बंगाल के चाकुलिया का रहने वाला है। पांच कर्मियों में चालक मो० जमील व गनमैन गुलजार हुसैन रुपए लेकर बंगाल गया था। दोनो कर्मी बंगाल का रहने वाला है और घटना भी बंगाल में घटी है। इस कारण पुलिस भी मामले को संदेह की नजर से देख रही है। पुलिस ने इनका जो बयान दर्ज किया है वो भी चौकाने वाला है। एसआईएस के सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर डीजल भरवाने के लिए इतनी दूर बंगाल जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी। जबकि रुपये किशनगंज के एटीएम में ही जमा करवाने थे। कुल 22 एटीएम में रुपये डलवाने थे। सुरक्षा के लिहाज से उन्हें रुपये जमा करवाने के पहले या बाद में डीजल भरवाना था। वैन के चालक जमील ने बताया कि बंगाल में डीजल बिहार से सस्ता मिलता है। इस वजह से डीजल भरवाने बंगाल गया था। घटना बंगाल क्षेत्र में होने के कारण बंगाल के चाकुलिया थाने की पुलिस को सदर पुलिस के द्वारा घटना की सूचना दी गई। बंगाल की चाकुलिया थाने की पुलिस सदर थाना पहुंची भी। एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी ने बंगाल पुलिस को पूरे घटना क्रम के बारे में बताया। इसके बाद बंगाल व बिहार की पुलिस स्थल जांच के लिए घटनास्थल के लिए निकली। बिहार पुलिस तो घटनास्थल पहुंच गई। लेकिन बंगाल की चाकुलिया पुलिस उस समय घटना स्थल पर नहीं पहुंची। इसके बाद किशनगंज पुलिस भी हैरान रह गई। तकरीबन ढ़ेर घंटे बंगाल पुलिस का इंतजार करके बिहार पुलिस लौट गई। किशनगंज, धर्मेन्द्र सिंह, आज दिनांक-13.09.22 समय करीब 14ः30 बजे जमील अख्तर सा+पो०-शाहपुर, थाना-ग्वालपोखर, उ०दिनाजपुर किशनगंज थाना आये। ये बताये कि एस०आई०एस० कम्पनी में गार्ड के रूप में पदस्थापित हैं। ये लोग कुल पॉच (05) कर्मी क्रमशः जमील अख्तर गुलजार हुसैन (गनमैन), सुल्तान (गनमैन), विनय कुमार मंडल (संरक्षक), दशरथ राउत (संरक्षक) के साथ समय लगभग 10ः30 बजे भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा पहुॅचे तथा बैंक से 02 करोड़ 40 लाख रूपया प्राप्त कर टिन के बक्सा में बंद कर एसआईएस प्रोसेसर कैश वैन में रखा तथा सभी लोग बैक से निकल कर खगड़ा बीएसएफ कैम्प में स्थित एसबीआई के दोनों एटीएम में क्रमशः एक में 12 लाख तथा दूसरा में 25 लाख रूपया कुल-37 लाख रूपया संरक्षक द्वारा जमा किया गया। सुल्तान आलम (गार्ड), विनय कुमार मण्डल (संरक्षक) दशरथ राउत (संरक्षक) यही रूक गए तथा जमील एवं गुलजार हुसैन (गार्ड) के साथ गाड़ी लेकर डीजल भरवाने हेतु समय लगभग 11ः15 बजे बंगाल स्थित इंडियन ऑयल पम्प के लिए प्रस्थान किये, जो चकूलिया थानान्तर्गत बेलान में है, जहॉ से 20 मीटर पहले ही समय 11ः30 बजे एनएच 27 पर एसबीआई का स्टीकर लगी हुई स्कार्पियों से चार लोग उतरे उनलोगों के गले में एसआईएस का पहचान पत्र था। जिसे देखकर ये लोग गाड़ी रोक दिये। वे लोग पहचान पत्र दिखाते हुये बोले कि एसआईएस के ऑडिटर हैं गाड़ी का जीपीएस जॉच करनी हैं कहते हुये गाड़ी में घुस गये। जिसमें दो व्यक्ति के पास हथियार था, जो हथियार का भय दिखाकर जमील एवं गुलजार हुसैन (गार्ड) दोनों को हाथ-पैर एवं ऑख में पट्टी बॉध कर गाड़ी के अन्दर बोल्ट में बंद कर दिया तथा बक्सा को तोड़कर उसमें रखा 02 करोड़ 03 लाख रूपया एवं गुलजार का मोबाईल लेकर फरार हो गया। तत्पश्चात् जमील एवं गुलजार हुसैन (गार्ड) दोनों एक-दूसरे के सहयोग से किसी तरह खोलकर खगड़ा स्थित एटीएम में आये और इस घटना की जानकारी सुल्तान आलम, विनय कुमार एवं दशरथ राउत को दिया। जहॉ से ये सभी लोग किशनगंज थाना आकर पुलिस पदाधिकारी को घटना की जानकारी दिये। एसपी डॉ एनामुल हक मेंगनु ने बताया कि नियमानुसार एटीएम कैश वैन को बैंक से रूपये प्राप्त करने के पूर्व या वैन से रूपये डालने के पश्चात् ही वाहन में ईंधन डलवाना है तथा कैश वाहन का मुवमेंट कैश वाहन के साथ प्रतिनियुक्त कर्मियों के साथ ही करना है, जो कि उक्त वाहन के कर्मियों के द्वारा नियम के विरूद्ध कार्य किया गया। जो इन सभी के लापरवाही का द्योतक है। अभी तक की जॉच पड़ताल से एसआईएस कर्मियों की मिलीभगत से घटना किया जाना प्रतीत होता है।

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