राजनीतिबिहार

परिवारवाद की प्रतीक है राजद, आरक्षण पर धरना सिर्फ राजनीतिक ढोंग – उमेश सिंह कुशवाहा

मुकेश कुमार/बिहार जनता दल (यू0) के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को बयान जारी कर राजद के धरना-प्रदर्शन को राजनीतिक नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि राजद की राजनीति पूरी तरह परिवारवाद पर आधारित है, जहां लालू परिवार को सिर्फ अपने बेटे-बेटियों की चिंता रहती है। सत्ता में रहते हुए उन्होंने कभी गरीब, पिछड़े और वंचित समाज के हक-अधिकार की परवाह नहीं की। श्री कुशवाहा ने कहा कि अब आरक्षण के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले प्रदेश की जनता को गुमराह नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी राजनीतिक सच्चाई सबके सामने आ चुकी है।
श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि न केवल बिहार, बल्कि पूरा देश इस सच्चाई से परिचित है कि जातीय गणना माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की दूरदृष्टि और मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है। उनके व्यक्तिगत प्रयासों से यह चुनौतीपूर्ण कार्य न केवल सुगमता से संपन्न हुआ, बल्कि निर्धारित समय पर इसके आंकड़े भी प्रकाशित किए गए। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों के आधार पर नीतीश सरकार ने शोषित एवं वंचित वर्ग के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
साथ ही, हमें पूर्ण विश्वास है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी होने के बाद 75 फीसदी आरक्षण का मार्ग भी शीघ्र ही प्रशस्त होगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे नेता ने सामाजिक न्याय के साथ विकास की सोच को न केवल धरातल पर उतारा, बल्कि अपने 19 वर्षों के सफल शासनकाल में शोषित, वंचित और उपेक्षित तबकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का ऐतिहासिक कार्य किया। वहीं, राजद शुरू से ही पारिवारिक न्याय की राजनीति तक सीमित रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज और नगर निकायों में पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों और महिलाओं को आरक्षण देकर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की। साथ ही, महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35ः आरक्षण देकर सशक्त बनाया। जबकि राजद ने अपने 15 साल के शासन में किसी को भी आरक्षण देने के बजाय सिर्फ परिवार की तिजोरी भरने का काम किया।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!