बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए आपतिजनक बयान पर राजद की ओर से आयकर गोलंबर, पटना में पुतला दहन किया गया
सोनू कुमार/राष्ट्रीय जनता दल अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ की ओर से गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन पटना के आयकर गोलंबर पर किया गया। राजद कार्यालय से सैकड़ो की संख्या में नेता और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ दलित ,शोषित, वंचित समाज के लोग जुलूस की शक्ल में निकले जो पटना के वीरचंद पटेल पथ होते हुए आयकर गोलंबर पर पहुंचा जो नारे लगा रहे थे कार्यकर्ता उसमें —– अमित शाह इस्तीफा दो, भीमराव अंबेडकर का अपमान नहीं चलेगा, संविधान विरोधी वक्तव्य क्यों भाजपा जवाब दो , अमित शाह माफी मांगे— —— बाद में जुलूस पटना के आयकर गोलंबर चौराहे पर पहुंचा जहां गृह मंत्री अमित शाह पुतला दहन किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश के 90% से अधिक वंचित,उपेक्षित, शोषित, दलित, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक और समता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, और संविधान में यकीन रखने वाले न्यायप्रिय लोगों के लिए बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर भगवान से भी कम भी नहीं है। अंबेडकर जी का अपमान कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी और आर एस एस की साजिश का परिणाम बताया।
नेताओं ने कहा कि बाबा साहेब ने करोड़ों लोगों को नारकीय जीवन से छुटकारा दिलाकर उनको हक अधिकार और समाज में बेहतर जीने की संवैधानिक व्यवस्था दी।
इस अवसर पर पुतला दहन कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्री शिवचंद्र राम, विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अनिल कुमार साधु, राजद की प्रदेश प्रवक्ता सारिका पासवान, प्रदेश महासचिव श्री निर्भय कुमार अंबेडकर, श्री प्रमोद कुमार राम, श्री ओम प्रकाश पासवान, श्री दीपक मांझी, संतोष पासवान,सुखु पासवान, शिवकुमार भारती,रमेश रजक, श्रीमती मंजू दास,राष्ट्रीय महासचिव श्री बीनु यादव, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, प्रदेश महासचिव श्री बल्ली यादव, फैयाज आलम कमाल,भाई अरुण कुमार, राजेश पाल, संजय यादव,पटना जिला अध्यक्ष श्री दीनानाथ सिंह यादव, बाढ़ जिला अध्यक्ष श्रीमती नमिता नीरज सिंह, युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश यादव, छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष गगन कुमार, अफरोज आलम, गणेश कुमार यादव, ओम प्रकाश चौटाला, उपेंद्र चंद्रवंशी, श्री शिवेंद्र तांती , श्री कुंदन कुमार राय, श्री रुपेश यादव, श्री विमलराय, श्री मुकेश यादव, श्री संजय यादव, सहित राष्ट्रीय जनता दल के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ दलित, शोषित, वंचित समाज के सैंकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे।