किशनगंज : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ के कार्यों की हुई समीक्षा
वेलनेस सेंटर के माध्यम से जरूरी चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता करायें सुनिश्चित : सिविल सर्जन

- जागरूकता संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए रोग नियंत्रण संबंधी उपायों को दें मजबूती
किशनगंज, 03 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (गैर संचारी रोगों) के मद्देनजर जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत सभी सीएचओ के कामकाज को लेकर सदर अस्पताल सभागार में सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर की अध्यक्षता में गुरुवार को समीक्षा बैठक हुई। जिसमें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल अधिकारी एवं जिला योजना समन्वयक डीपीसी विश्वजीत कुमार ने बताया कि जिला स्तर पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को विकसित किए जाने वाले स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थापित सीएचओ या स्टाफ नर्स, एएनएम को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में समय-समय पर कार्य के सुदृढ़ीकरण के लिए समीक्षा बैठक की जाती है। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में गैर संचारी रोग, नवजात और शिशु स्वास्थ्य, ओरल या डेंटल हेल्थ, फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक सर्विसेज, एफपीएलएस, तम्बाकू से संबंधित, टीकाकरण, परिवार नियोजन, गैर संचारी रोग, शिशु मातृ मृत्यु समीक्षा, मातृ शिशु सुरक्षा, जननी बाल सुरक्षा योजना और एनीमिया मुक्त भारत को लेकर आवश्यक जानकारी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से संबंधित योगाभ्यास के प्रगति के बारे में विस्तार से समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर कई जरूरी दिशा निर्देश दिये। बैठक में मुख्य रूप से डीपीएम डा. मुनाजीम, डीपीसी विश्वजीत कुमार एवं एनसीडी समन्वयक नवाज शरीफ, एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने वेलनेस सेंटर के माध्यम से एनसीडी सेवाओं के प्रभावी संचालन का निर्देश सभी सीएचओ को दिया। उन्होंने कहा कि जागरूकता संबंधी उपायों को बढ़ावा देकर आम लोगों को कई गंभीर रोग के खतरों से बचाया जा सकता है। इसलिये क्षेत्र के लोगों को विभिन्न रोग के कारण व बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करने का निर्देश उन्होंने दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में हमारे प्रदर्शन में लगातार सुधार हो रहा है। इसे और बेहतर किया जा सकता है। इसके लिये सामूहिक प्रयास जरूरी है। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने कहा कि वेलनेस सेंटर गैर संचारी रोगों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का नियमित संचालन, योग व मेडिटेशन संबंधी गतिविधि, ओपीडी व एनसीडी सेवा के तहत अधिक से अधिक लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करायी जा सकती है। उन्होंने हाइपरटेंशन व डायबिटीज के मरीजों की समुचित निगरानी सहित हृदय रोग, कैंसर रोग के स्क्रीनिंग को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शुरुआती लक्षणों के आधार पर रोग की पहचान व इसके उपचार में वेलनेस सेंटर की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के निर्देशानुसार सभी वेलनेस सेंटर पर हर दिन कम से कम 40 ओपीडी व 10 एनसीडी जांच सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत पॉपुलेशन बेस्ड मास स्क्रीनिंग फॉर एनसीडी के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के जिले के सभी व्यक्तियों की एनसीडी स्क्रीनिंग निर्धारित की गयी है। कार्यक्रम के तहत कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और लकवा आदि के मरीजों के लक्षणों व सामान्य जांच के आधार पर चिह्नित किया जाएगा। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाकर इलाज में मदद किया जाएगा। ताकि नियत समय पर ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज हो सके। उन्होंने बताया कि सामान्य भाषा में ऐसा रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, गैर संचारी रोग कहलाता है। ऐसे गैर संचारी पांच रोगों की पहचान और रोकथाम के लिए काम किया जा रहा है। इन रोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल हैं। ये सभी रोग खान-पान तथा रहन सहन के स्तर पर निर्धारित होते हैं।