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किशनगंज : जिले के 1866 केन्द्रों में सभी लाभुकों के बीच पोषाहार का किया गया वितरण।

आईसीडीएस के डीपीओ के नेतृत्व में सीडीपीओ, एलएस समेत अन्य कर्मी की पहल से मिल रहा है लाभ।कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिये खानपान की बेहतर आदतों को बढ़ावा देना जरूरी:DPO

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में अब ऑगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पोषाहार व टीएचआर का लाभार्थियों को नई तकनीक के साथ लाभ दिया जा रहा है। ताकि लाभुकों को उक्त योजना का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, बल्कि सरकारी योजना का शत-प्रतिशत लाभ सीधा लाभुकों तक पहुँच सके। इसी क्रम में आज जिले के सभी 1866 केन्द्रों में सभी लाभुकों के बीच पोषाहार का वितरण किया गया। जिसका अनुश्रवन सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका के साथ आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने भी किया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण के अनुश्रवन के दौरान आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने बताया कि कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिये नियमित रूप से उचित पोषाहार का सेवन जरूरी है। बेहतर खान पान की आदतों के साथ हम अपनी रहन सहन में मामूली बदलाव के जरिये जिले को कुपोषण से जुड़ी समस्या से निजात दिला सकते हैं। इसलिए केन्द्रों में बच्चों, किशोरों व महिलाओं को उचित पोषाहार की जानकारी देते हुए स्वस्थ व समृद्ध समाज का निर्माण करना है। लोगों को उचित पोषण संबंधी जानकारी देने के लिये पोषण परामर्श केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस क्रम में लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करने के साथ धात्री व गर्भावस्था में महिलाओं के उचित पोषण की जरूरतें, स्तनपान व छह माह से अधिक उम्र के बच्चों के लिये ऊपरी आहार के महत्व से अवगत कराना है। आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने कहा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों स्तर से कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, एनीमिया प्रबंधन इसमें शामिल किये गये हैं। इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। ICDS डीपीओ कविप्रिया ने बताया बच्चों के समुचित विकास के लिये उचित पोषाहार का सेवन जरूरी है। गर्भधारण करने से लेकर धात्री महिलाओं के लिये भी पोषण युक्त आहार का सेवन जरूरी होता हे। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन स्वस्थ शिशु के जन्म के लिये जरूरी है। गर्भावस्था व जन्म के बाद के शुरुआती दो वर्ष बच्चों के मस्तिष्क सहित अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। बच्चों के समुचित विकास के लिये नियमित आहार में विटामिन, कैल्सियम, आयरन, वसा व कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा का होना उनके स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी के लिये जरूरी है। क्या है नई तकनीक:-पोषाहार एवं टीएचआर का लाभ पूर्व में लाभार्थियों को ऑगनबाड़ी केंद्रों पर सरकारी पंजी में हस्ताक्षर करने के बाद मिलता था। किन्तु, अब उक्त लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को मोबाइल लेकर अपने नजदीकी ऑगनबाड़ी केंद्र जाना होगा। जहाँ केंद्र की सेविका द्वारा अपने सरकारी मोबाइल में ऑंगन एप पर लाभुक का आधार कार्ड नंबर एवं पासवर्ड डालकर लॉग-इन किया जाएगा। इसके बाद लाभार्थी के मोबाइल पर ओटीपी जाएगी। ओटीपी नंबर को पुनः ऑंगन एप में डालकर अपलोड किया जाएगा। जिसके बाद लाभार्थी के खाते में राशि स्थानांतरित हो जाएगी।

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