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रांची : हिन्दू जागरण मंच युवा कार्यकर्ता सम्मेलन..

रांची/अभिजीत दीप, आज दिनांक 22-09-19 को रांची जिले के सिल्ली प्रखंड के बड़ा मुरी में हिन्दू जागरण मंच का युवा कार्यकर्ता सम्मेलन सह सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।आज के कार्यक्रम में RSS के वरिष्ठ प्रचारक एवं हिन्दू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ सुमन कुमार की उपस्थिति में कई लोगो ने संघठन की सदस्यता ग्रहण की।श्री चंद्र महतो जी के नेतृत्व में 25, श्री मुरली मांझी के नेतृत्व में 24, श्री ललित कुशवाहा के नेतृत्व में 20, श्री अजय साहू के नेतृत्व 30 लोगो समेत कई लोगो ने सदस्यता ग्रहण किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दू जागरण मंच के जिला महामंत्री श्री काशीनाथ बेदिया ने किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से संघठन के रांची जिला अध्यक्ष श्री राकेश कर्ण, रांची जिला संजयोजिका श्रीमती बालिका देवी, श्री एस सनातन, श्याम सुंदर यादव, सुमित स्वर्णकार, गणेश पातर, गंगाधर महतो, परशुराम महतो, कुमार गौतम, महेश महतो, डिस्को महतो, अमूल्य महतो, वासुदेव महतो समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।मुख्य अथिति डॉ सुमन कुमार जी ने कार्यकर्ताओं को सम्भोदित करते हुए निम्न बाते कही।महज़ब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।भारतीय जनमानस में संगठन की महत्ता व राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सामाजिक मजबूती जैसे मूल बिंदुओं पर कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन किया व देश के लिए काम करने, सेवा कार्य विस्तार के लिए प्रेरित किया।उन्होंने कहा, सनातन धर्म जितना मजबूत होगा, मानव सभ्यता उतनी ही अधिक सुरक्षित व खुशहाल होगी।साथ ही पूरे समाज के संगठन की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया एवं कार्यकर्ताओं को विचारों से जागृत करते हुए कहा, भारत का धार्मिक विरासत स्वर्णिम है जो पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। सामाजिक जागरण ही राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार है।हमारा कार्य व संगठन किसी भी व्यक्ति या किसी के खिलाफ कतई भी नहीं है।सभी भारतीय हमारे लिए एक है,बड़ी ही जिम्मेदारी से हम सभी को कहना चाहते हैं कि, हिन्दू जागरण मंच, सनातन समाज कभी भी किसी भी कालखण्ड में हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया है और ना ही भविष्य में ऐसा कोई भी अमानवीय कृत सनातन हिन्दू करेगा।उन्होंने भारत के प्राचीन से लेकर आज तक के भारतीय जीवन पद्धति व ऐतिहासिक राष्ट्र यात्रा प्रकाश डाला व कार्यकर्ताओं को बताया कि, भारत ही दुनिया मे एक मात्र ऐसा देश है जो, सच्चे अर्थों में मानवीय मूल्यों के संरक्षण व संवर्धन के लिए हमेशा उदाहरण प्रस्तुत करके दिखाया है।डॉ सुमन ने कहा, संगठन का किसी से भी कोई बैर नहीं, ना ही हम किसी के अपमान या नुकसान का कोई इरादा रखते हैं।मानवता के खिलाफ कभी भी किसी भी प्रकार का हिंसा का रेकॉर्ड सनातन हिन्दू समाज का कभी रहा ही नहीं।हमारे प्राचीन विरासत में ही विश्व को एक परिवार माना है, आज भी वही विचार हमारी प्रेरणा है।समरस समाज का निर्माण,सुरक्षित राष्ट्र व दुनिया के नक्शे पर विश्व।विश्वगुरु भारत के उदय हेतु हम सभी देशवासियों को जाति-पाती, मत, मजहब आदि हर भेदभाव की मिटाकर हम सभी को भारतीयता यहां के माटी व परिपाटी, रीत व रिवाज के रंग में सभी खुद को रंगेंगे तभी भारत श्रेष्ठ होगा, एक होगा।डॉ सुमन ने इस आलोक पर विस्तार से लोगों को बताते हुए कहा, कि कभी भी किसी देश के मजबूती या चतुर्दिक विकास के लिए देश के सभी नागरिकों के लिए एकसमान जिम्मेदारी है।नारी का सम्मान एवं सुरक्षा एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है क्युकि वो हमारी माँ एवं बहन है।नारी शक्ति जगत के शक्ति का परिप्राय है।उनका सम्मान करना हमारी संस्कृति में है।नारी से ही जग है, संसार है, वे शृष्टि के जन्मदाता है।सिर्फ हमारी संस्कृति में ही है कि हम कन्या पूजन भी करते हैं एवं कन्याओं को माता के रूप में देखते हैं।हमारे सनातनी संस्कृति में गाय, गंगा, गुरु, गायत्री की पूजा करनी होती है जो किसो और संस्कृति में नहीं है।वर्तमान कालखण्ड भारतीय इतिहास का स्वर्णिमयुग है।इस नूतन कालचक्र में सभी नकरामतक, काली ऊर्जा धारी लोगों का अब स्वयं वक्त के साथ हॄदय परिवर्तन हो जाएगा।अतीत के जख्मों को भूलकर नए भारत, एक भारत, श्रेष्ठ भारत व विश्वगुरु भारत निर्माण में सभी देशवासी जुट जाएं।तन व मन से सभी देशवासी भारतीय बनें, भारत को जानें, भारत को मानें, भारत का बनें और भारत को बनाएं यही काल व समय की मांग है और इसी पाथेय पर चलकर ही राष्ट्र की चतुर्दिक उन्नति सुनिश्चित है।उन्होंने ये भी सम्भोधन किया कि विश्व विरादरी को सनातन सभ्यता, संस्कृति स्वीकार करनी चाहिए।सनातन, हिन्दू जीवन शैली दुनिया को नेतृत्त्व तो नहीं करना चाहती लेकिन विश्व समुदाय को सही राह दिखाने में कभी पीछे भी हम नहीं रहेंगे।इतिहास गंवाह है, युगों-युगों से पहले भी धर्म के स्थापना से मानवता की रक्षा होती रही है और आज भी सनातन धर्म जितना मजबूत होगा मानवता, मानवीय जगत उतना ही अधिक सुरक्षित होगा।ये इतिहास के साक्षात प्रमाण हैं, दुनिया भारत का अनुसरण करे।

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