रघुवॅंश बाबू एक अति सरल, सहृदय और विनम्र व्यक्तित्व के धनी थे।।……

रणजीत कुमार सिन्हा पटना:मैं भाजपा में था और वे राजद में। लेकिन, उन्होंने दलगत राजनीति के दलदल में फॅंसना कभी पसॅंद ही नहीं किया। वे तो मुझे बराबर जे. पी. आन्दोलन के साथी के रूप में ही आजीवन पहचानते रहे। जब वे मनमोहन सिंह की कैबिनेट में ग्रामीण विकास मॅंत्री थे और मैं साॅंसद भी नहीं था, मात्र एक राजनीतिक कार्यकर्ता था, तब मैं एक दिन वैशाली क्षेत्र से गुजरते हुये कहीं किसी सामाजिक कार्यक्रम में जाने वाला था। मैंनें जब उन्हें फोन किया तब उन्होनें छूटते ही कहा कि आज तो मैं भी क्षेत्र में ही हूॅं।आप मिलते जाइये।भोजन साथ करेंगें। उन्होने जो स्थान बताया वह मेरे यात्रा मार्ग पर ही था। मैं जब वहाॅं पहुॅंचा तो आश्चर्यचकित रह गया। उन्होनें तो पूरे स्वागत की तैयारी मे भीड जुटा कर रखी थी। अपने भाषण में उन्होनें मेरा जिसप्रकार से परिचय दिया, मैं तो आज भी अपने को उसके योग्य नहीं समझता।ऐसे आत्मीयता के मूर्तस्वरूप राजनेता आज तो ढूॅंढे भी नहीं मिलते।कोटिश: प्रणाम और अष्रुपूरित ष्रद्धाॅंजलि।
ॐ शाॅंति! आर के सिन्हा