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पूर्णिया : टीकापट्टी के गाँधी आश्रम में महात्मा गाँधी के आदमकद प्रतिमा लगाने की बात सीएम ने कही, साथ ही गाँधी आश्रम परिसर में सामुदायिक केन्द्र निर्माण का भी घोषणा किए..

उपस्थित जशनसमुह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने गाँधी जी के स्मृति में एक संस्थान का निर्माण की बात कही जिसमें सभी बातें समाहित होगी।मुख्यमंत्री ने बापू नामक हस्तपुस्तिका का विमोचन भी किया।

पूर्णिया/धर्मेन्द्र सिंह, रुपौली विधानसभा के ऐतिहासिक टीकापट्टी मैदान में एक महंती जनसभा को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित किया।यहाँ वे गांधी आश्रम को देखने आए थे, साथ ही उन्होंने रुपौली प्रखंडवासियो को 385 करोड़ 20 लाख के 473 योजनाओं की सौगात दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार अपने काम के माध्यम से गाँधी के सपने को ही सरकार कर रही है।उन्होंने चंपारण सत्याग्रह का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के द्वारा चंपारण में बुनियादी विद्यालय को सजाया व संवारा जा रहा है उसी तरह टीकापट्टी स्थित बुनियादी विद्यालय को भी सजाया जाएगा।उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दौरान यहाँ आए थे, उन्हें गाँधी जी के यहाँ आगमन की जानकारी नहीं थी।इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद उन्होंने फैसला लिया कि टीकापट्टी स्थित गांधी आश्रम को सजाया और संवारा जाएगा।उन्होंने टीकापट्टी स्थित जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान का नाम महात्मा गांधी के नाम पर करने की घोषणा की।साथ ही टीकापट्टी के गाँधी आश्रम में महात्मा गाँधी के आदमकद प्रतिमा भी लगाने की बात कही।साथ ही गाँधी आश्रम परिसर में सामुदायिक केन्द्र निर्माण का भी घोषणा किया।उन्होंने कहा कि इससे कटिहार और पूर्णिया जिले के लोगो को मिलेगा।उन्होंने यहाँ बापू पुस्तकालय, सामुदायिक केंद्र निर्माण की भी घोषणा की।टिकापट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी मुख्यमंत्री के आने से कायाकल्प हो गया।उन्होंने इस स्वास्थ्य केंद्र उन्नयन कर कम्युनिटी सेंटर में परिणत करते हुए 30 बेड में अपग्रेड कर दिया।मुख्यमंत्री को सुनने के लिए सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो के अलावा बड़ी संख्या में कटिहार जिले से भी लोग आए थे।उपस्थित जशनसमुह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने गाँधी जी के स्मृति में एक संस्थान का निर्माण की बात कही जिसमें सभी बातें समाहित होगी।मुख्यमंत्री ने बापू नामक हस्तपुस्तिका का विमोचन भी किया।उपस्थित जनसमूह ने मुख्यमंत्री से टिकापट्टी को प्रखंड बनाए जाने की माँग की।जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी को जल्द ही वे निरीक्षण के लिए भेजेंगे और नवसृजित ब्लाक के घोषणा के वक्त टीकापट्टी को प्रखंड का दर्जा दिया जा सकता है।उन्होंने हर घर जल योजना के संदर्भ में कहा कि चुनाव से पहले उनका लक्ष्य है यह काम पूरा हो जाए।अभी 40 फ़ीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है जब वे विधानसभा का चुनाव प्रचार में जाएंगे उससे पहले यह काम को पूरा करके ही जाएंगे।इसके लिए मुख्य सचिव बिहार सरकार को पूरे कार्य के मोनेटरिंग के लिए लगाया गया है।सीएम ने कहा कि हर गाँव टोला को सड़क से जोड़ने का काम बहुत तेजी से चल रहा है।उन्होंने बिजली पहुंचाने का जो लक्ष्य लिया था वह पूरा हो गया है अब खेतों में सिंचाई हेतु बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हर घर बिजली पहुँचा दी गई है लेकिन यह स्थाई नही है।स्थाई रूप से बिजली के लिए अब हर घर मे अक्षय ऊर्जा के लिए सोलर प्लेट लगाया जाएगा।यह कार्य पहले सरकारी भवन में किया जाएगा।उसके बाद निजी घरों में लगाया जाएगा जिसमे सरकार अनुदान भी देगी।मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में आई है।जिसे बिहार की सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है।उन्होंने कहा कि पटना में जो तबाही मची है यह जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा है।इसके अलावा नेपाल व गंगा के पानी से भी बिहार त्रस्त रहा है।इसके लिए वे 3 साल का एक बजट बनाकर पुनः जल जीवन हरियाली यात्रा पर निकल रहे हैं।इस योजना के तहत 3 साल में 24 हजार करोड़ खर्च करने का लक्ष्य है।इसके तहत वृक्षारोपण अभियान, सरकारी पोखर, तलाव, कुआँ को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। साथ ही जल संचय हेतु सोख्ता का भी निर्माण किया जाएगा।उन्होंने कहा कि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में सिर्फ 9 फ़ीसदी हरिता आवरण रह गया था मगर वृक्षारोपण के बाद यह 15 फ़ीसदी हो गया है।उन्होंने कहा कि फसल चक्र और अक्षय ऊर्जा योजना की भी बहुत जल्द बिहार सरकार शुरुआत कर रही है।उन्होंने किसानों के द्वारा खेतों में फसल अवशिष्ट जलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की।उन्होंने इसके लिए सरकार के विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया और लोगों से कहा कि वह अपने खेतों में फसल को अवशेष को ना जलाएं इसके लिए सरकार फसल कटाई के लिए मशीन भी दे रही है जिस पर 75 से लेकर 80 तक अनुदान है।

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