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मोदी सरकार में गरीबी बढ़ी है: भाकपा।…

कुणाल कुमार/पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में गरीबी बढ़ी है। सरकार अपनी पीठ थपथपाने के लिए अलग-अलग रिपोर्ट प्रकाशित कर गरीबी कम करने का दावा करती है ताकि कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा सके। एसबीआई की ताजा रिपोर्ट भी सरकार को खुश करने वाला है।
भाकपा राज्य सचिव ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि एसबीआई की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण इलाकों में गरीबी में तेजी से कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी की अनुपात पांच फीसद से नीचे 4.86 फीसद पर आ गई है जबकि 2023 में 7.2 फीसदी थी। ग्रमीण इलाकों में नई गरीबी रेखा प्रति माह 1632 और शहरी इलाकों में 1944 रुपये है। सरकार ग्रामीण इलाकों में 1632 रुपये महिने से ज्यादा खर्च करनेवाले व्यक्ति को गरीब नहीं मान रही है। इससे साफ सपष्ट हो रहा है कि सरकार का गरीबी कम होने का दावा पूरी तरह झूठ का पुलिंदा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में महँगाई आसमान छू रही है। खाद्य वस्तुओं की कीमत लगातार बढ़ रही है। उच्च महँगाई दर की वजह से चौतरफा खपत कम रही है। यह असर कम आमदनी वाले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा नजर आ रहे हैं। लोगों का क्रय शक्ति में कमी आई है। इसके वाबजूद सरकार गरीबी कम करने का दावा कर रही है। गरीबी कम होने का दावा पूरी तरह निराधार और भ्रामक है।

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