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समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में ग्रामीण विकास विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की गई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-समीक्षा के क्रम में माननीय मंत्री के संज्ञान में यह तथ्य सामने आया कि जीविका में प्रथम लिंकेज, द्वितीय लिंकेज एवं तृतीय लिंकेज के बीच काफी गैप है। तीनों लिंकेज के बीच गैप रहने की स्थिति पर माननीय मंत्री जी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई तथा जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी को यह निदेश दिया गया कि वे इस संबंध में एक नियमित अंतराल पर बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें तथा जीविका दीदियों को उनके कार्यों के अनुरूप राशि मुहैया कराना सुनिश्चित करें । सभी जीविका दीदियों से संवाद स्थापित कर उन्हें यह निश्चित रूप से बताया जाय कि सरकार द्वारा उन्हें अपने पैरों पर खड़ा कर सक्षम बनाने हेतु उन्हें सब्सीडी (अनुदान) भी दी जा रही है।

सत्तर जीविकोपार्जन योजना की समीक्षा के क्रम में माननीय मंत्री ने पदाधिकारियों को निदेशित किया कि जो परिवार पूर्व में ताड़ी एवं शराब के कार्यों से अपनी जीविका चलाते थे, उन्हें इन कार्यों से अलग होकर अन्य उद्योग धंधा करने हेतु सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन राशि उन्हें निश्चित रूप से उपलब्ध कराएं तथा पदाधिकारी यह ध्यान रखें वे परिवार पुनः शराब के कार्यों में नहीं लगें।

सीतामढ़ी जिला में नीरा उत्पादन हेतु 321 लाईसेंस निर्गत किए गए हैं। माननीय मंत्री, श्री श्रवण कुमार ने इसे अच्छी पहल बताते हुए इस पर खुशी जाहिर की तथा कहा कि इस कार्य को और आगे बढ़ाते रहना है।

मनरेगा योजना की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि सीतामढ़ी जिला में पुरानी योजनाओं की संख्या लगभग 20 हजार है। माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि इन सभी योजनाओं की समीक्षा कर जो योजना आगे चलाने योग्य हो उसकी पूर्णता के लिए काम करें तथा जो अब व्यवहारिक नहीं रह गयी है उन योजनाओं को बंद करें। लम्बी अवधी तक योजनाओं के लंबित रहने से एक ही कार्यों के दोहरीकरण की संभावना बनी रहती है तथा इससे वित्तीय अनियमितता की भी स्थिति पैदा होती है। माननीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के कार्यों में तेजी लाएं तथा आवश्यकता होने पर ही नयी योजनाओं का चयन करें।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि आवास के पूर्ण होने के बाद भी लाभूकों को भुगतान नहीं किया गया है। 450 आवास का कार्य पूर्ण हो चुका है परन्तु अभी तक लाभूकों को राशि नहीं मिली है। ऐसा होने से गरीब लाभूक परेशान होते हैं। माननीय मंत्री ने जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी को निदेश दिया कि योजना पूर्ण होने के एक सप्ताह के अंदर लाभार्थी को निश्चित रूप से पूर्ण भुगतान कर दिया जाना चाहिए। रून्नीसैदपुर प्रखण्ड में सर्वाधिक योजनाएं अपूर्ण पायी गयी, जिस पर माननीय मंत्री ने प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, रून्नीसैदपुर के कार्यकलाप के प्रति नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि सभी अपूर्ण आवास का निरीक्षण कर इसे एक माह के अंदर पूर्ण करा लें।

माननीय मंत्री ने जिला में वृक्षारोपण के तहत किये जा रहे कार्यों को सराहा तथा संपूर्ण स्वच्छता के तहत सभी लंबित शौचालयों का कार्य शीघ्र पूर्ण करने का निदेश दिया।

माननीय मंत्री जी द्वारा जीविका के ‘गौरी’ स्वयं सहायता समूह द्वारा किये जा रहे लहठी निर्माण के कार्यों का स्थल निरीक्षण किया तथा इस स्वयं सहायता समूह की श्रीमती रजनी देवी से माननीय मंत्री ने वार्तालाप भी किया। इस लहठी उद्योग को ईशा लहठी उद्योग का नाम दिया गया है। वरियारपुर नगर पंचायत के वार्ड नं0- 37 में अवस्थित 13 स्वयं सहायता समूह इससे जुडे़ हुए हैं, इनका ग्राम संगठन भी बना हुआ है, तथा लहठी का कलस्टर भी कार्यरत है। माननीय मंत्री ने ग्राम संगठन स्तर के 13 स्वयं सहायता समूह की बैठक का अवलोकन किया तथा इस बैठक में स्वयं भाग ले कर जीविका दीदियों से संवाद स्थापित किया तथा उनका उत्साहवर्द्धन करते हुए तृतीय लिंकेज की राशि मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होने जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निदेश दिया कि इसी प्रकार के कार्य हेतु सभी जीविका दीदियों को आगे लाना सुनिश्चित करें।
ग्रामीण विकास विभाग के विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित स्थल निरीक्षण के क्रम में सीतामढी अंतर्गत रीवा प्रखंड के रेवासी पंचायत में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत बनाये जा रहे डब्ल्यू0पी0यू0 का माननीय मंत्री महोदय के द्वारा निरीक्षण किया गया एवं क्रियान्वयन के दौरान पाई गयी कमियों को तत्काल दूर करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिया गया।

जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान माननीय मंत्री महोदय के साथ जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी, उप विकास आयुक्त, सीतामढ़ी, निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, संबंधित कार्यक्रम पदाधिकारीगण तथा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारीगण उपस्थित थे ।

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