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पीएम विश्वकर्मा योजना की हुई शुरुआत, PM Modi ने कहा- ‘यह देश के कारिगरों को समर्पित’।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन और विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की है. साथ ही पीएम मोदी ने इससे पहले इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर 21 से सेक्टर 25 तक के विस्तार का भी उद्घाटन किया।

ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना उद्देश्य

‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति तथा विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है. ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ में 18 पारंपरिक शिल्‍प-कलाओं को शामिल किया गया है. केंद्र सरकार ने ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना को शुरू करने की घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 में की थी. इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपये रखा गया है.

नि:शुल्क किया जाएगा पंजीकृत

इसके तहत, ‘विश्वकर्मा’ (कारीगरों व शिल्पकारों) को बायोमेट्रिक आधारित ‘पीएम विश्वकर्मा पोर्टल’ का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से नि:शुल्क पंजीकृत किया जाएगा. उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी और कौशल उन्नयन के लिए बुनियादी तथा उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर राजधानी दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर राष्ट्र को समर्पित किया. इस केंद्र का नाम ‘यशोभूमि’ रखा गया है।

योजना के लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे :

15,000 रुपये का टूलकिट

1 लाख रुपये का ऋण 5% ब्याज दर पर

पहला लोन चुकता करने पर दो लाख रुपये का दूसरा ऋण

योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है :

आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए.

आवेदक किसी भी विश्वकर्मा समुदाय से संबंधित होना चाहिए.

आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

आवेदक के पास मान्यता प्राप्त संस्थान से संबंधित कौशल प्रमाण पत्र होना चाहिए.

योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आवेदक को सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए, आवेदक को संबंधित जिला उद्योग और उद्यम कार्यालय में आवेदन करना होगा.

पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्प कौशल को बढ़ावा देना और भारत में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है. इस योजना से विश्वकर्मा समुदाय के लोगों को अपने कौशल को विकसित करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.

‘यशोभूमि’ में विश्‍व-स्‍तरीय बैठक, सम्मेलन की मेजबानी की जा सकेगी

यशोभूमि पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इस केंद्र का मुआयना भी किया. ‘यशोभूमि’ में विश्‍व-स्‍तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी. यह दुनिया के सबसे बड़े सम्‍मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्‍थलों में से एक है. करीब 73,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में 15 कन्वेंशन रूम हैं. इनमें मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 11,000 प्रतिनिधियों के बैठने की कुल क्षमता वाले 13 बैठक कक्ष शामिल हैं. कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया स्‍क्रीन है. इसके मुख्‍य सभागार में करीब छह हजार लोगों के बैठने की क्षमता है.

प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन पर द्वारका सेक्टर-21 से सेक्टर-25 में नये मेट्रो स्टेशन ‘यशोभूमि’ तक के विस्तार का उद्घाटन किया. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री धौलाकुआं मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो में सवार हुए. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को यात्रियों से संवाद करते भी देखा गया. कुछ यात्री प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी लेते भी नजर आए. एयरपोर्ट मेट्रो विस्तार के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने मेट्रो कर्मचारियों से भी संवाद किया।

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