पीएम नरेंद्र मोदी को नहीं है बिहार के विकास की चिंता -: प्रशांत किशोर
दस वर्षों में एक मिनट के लिए भी नहीं की बिहार के पिछड़ेपन की बाबत बैठक

. श्रुति मिश्र /पटना- जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बिहार के विकास की कोई चिंता नहीं है और उन्होंने दस वर्षों के अपने शासन काल में बिहार के चतुर्दिक विकास के लिए कभी एक मिनट के लिए भी बैठक नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह मालूम है कि बिहार देश का सबसे गरीब, अशिक्षित, पिछड़ा और बेरोज़गारी वाला राज्य है। उनके पास इसके आधिकारिक आंकड़े भी उपलब्ध है। बिहार पिछले चुनावों में चालीस में उनचालिस सांसद दिया और 2024 के चुनाव में एनडीए को तीस सांसद दिया है जिनके दम पर उनकी तीसरी बार सरकार कायम हुई है। फिर भी बिहार की चिंता नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वे आज पटना स्थित अपने आवास पर विभिन्न जिलों से आए पार्टी कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उक्त जानकारी आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा है कि बिहार की बाबत पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा को कभी कोई चिंता नहीं रही। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात छोड़िए। उन्होंने विशेष पैकेज तक नहीं दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कभी बिहार के विकास और बिहारियों की जरुरतों के लिए कभी बिहार और केन्द्र सरकार के अधिकारियों तथा योजना आयोग के साथ एक बैठक तक नहीं की। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार की बर्बादी और पिछड़ापन में यदि लालू प्रसाद यादव की पन्द्रह वर्षों की सरकार जिम्मेदार है तो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू,भाजपा, लोजपा,हम और रालोसपा गठबंधन ( एनडीए) की सरकार उससे ज्यादा कसूरवार है। यह डबल इंजन की सरकार सभी मामलों में विफल हैं। बिहार की जनता ने बड़े विश्वास के साथ नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था किन्तु यह भी ढाक के तीन पात ही साबित हुए। उन्होंने कहा कि छब्बीस सांसद वाले राज्य गुजरात का विकास हो रहा है जहां रोज़ फैक्ट्रियां खुल रही है। वहां एक लाख करोड़ का बुलेट ट्रेन भी बनाए जा रहे हैं। लेकिन बिहार में फैक्ट्री तो नहीं ही खुली पैसेंजर ट्रेन भी नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में शिक्षा, खेती -किसानी और रोजगार की दिशा में भाजपा का प्रादेशिक और राष्ट्रीय नेतृत्व ने कुछ भी नहीं किया है और बिहार में नीतीश कुमार का पिछलग्गू बन कर रह गया है।
प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार इन सरकारों के कारण मजदूर बनाने की फैक्ट्री बन कर रह गया है और रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करना हम बिहारियों की मजबूरी बन गई है। यहां से मेधा, पूंजी और मजदूरों का पलायन निरंतर जारी है और न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ना ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसकी चिंता है। आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में जनता इण्डिया और एनडीए दोनों गठबंधनों को सबक़ सिखाएगी और दोनों धूल धूसरित हो जाएंगे।