किशनगंज-कोचाधामन : उत्पाद अधिनियम व यौन शोषण का आरोप लगाने के बावजूद मामले में आरोपित कर्मियों पर मेहरबान, आरोप लगाने वाली महिला एएनएम को समझौता करना पड़ा।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, महिला को अधिकार और न्याय दिलाने के लिए कई कानून और नियम बने हैं। इसके बावजूद वरीय पदाधिकारी के अनदेखी के कारण सरकारी सेवा में कार्यरत महिला कर्मियों को भी न्याय नहीं मिल पा रहा है। महिला कर्मी की शिकायत को नजर अंदाज कर कार्रवाई के बजाय समझौता कराकर नीचा दिखाया जा रहा है। ऐसा ही मामला कोचाधामन प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एएनएम के दुर्व्यवहार की शिकायत पर वरीय अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं देने के बाद समझौता कराने का आया है। एएनएम द्वारा उत्पाद अधिनियम और यौन शोषण का आरोप लगाने के बावजूद मामले में आरोपित कर्मियों पर मेहरबानी दिखाई गई और अंत में आरोप लगाने वाली महिला एएनएम को समझौता करना पड़ा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन की एएनएम ने 26 जनवरी को स्वास्थ्य केंद्र में डीजे पर डांस के वायरल वीडियो मामले में स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों पर आरोप लगाते हुए शिकायत का आवेदन सिविल सर्जन और कोचाधामन प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को दिया था। 7 फरवरी को दिए गए आवेदन में एएनएम ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन अपने घर से माफीनामा पत्र देने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन पहुंची थी। देखा की वहां डीजे बज रहा है और कर्मी लोग डांस कर रहे हैं। यह देखकर मैं वहां से वापस लौटने लगी। इसी दौरान संतोष कुमार डाटा आपरेटर एवं डा. दुबे अभद्र भाषा का प्रयोग कर आवाज लगाने लगे। इसी क्रम में लिपिक शिवाजी दौड़कर आया और मेरा हाथ पकड़कर खींचते हुए डांस के बीच लेकर चला आया। इस दौरान उन लोगों के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। मुझसे जबरन धक्का देकर डांस करवाया गया। मैं वहां से हटना चाहती थी लेकिन जबरन हाथ पकड़कर डांस करने को मजबूर किया गया। उन्होंने इस आवेदन में ऐसे कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की ताकि अन्य महिला कर्मचारी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं हो। एएनएम के द्वारा सिविल सर्जन, प्रभारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन को आवेदन देने के साथ प्रतिलिपि डीएम, एसपी, महिला थानाध्यक्ष एवं कोचाधामन थानाध्यक्ष को दिया गया। इसके बावजूद ऐसे अनुशासनहीन कर्मियों पर कार्रवाई के बजाय एएनएम से समझौता कराया गया। इस समझौता के बाद पदाधिकारियों के उदासीनता और महिला कर्मियों के सुरक्षा प्रति पदाधिकारियों के ढ़ुलमुल रवैया की चर्चा हर ओर होने लगी है। आखिर जिला के वरीय अधिकारी को आवेदन देने के बाद भी कार्रवाई के बजाय कई लोगों ने एएनएम से समझौता कैसे करा दिया। इस समझौता नामा में डाक्टर सहित 15 लोगों का हस्ताक्षर भी है। इस प्रकार के आरोप के बाद पदाधिकारियों के उदासीनता से सरकारी महिला कर्मी कितनी सुरक्षित है इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि मामले में जिला के स्वास्थ्य विभाग के सबसे बड़े अधिकारी सिविल सर्जन कौशल किशोर ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वही पीएचसी प्रभारी कोचाधामन ने बताया कि एएनएम द्वारा स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों पर आरोप लगाया गया था। मामले में अपने स्तर से जो करना था कर सभी पक्षों के बीच समझौता करा दिया गया है।