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पटना:-डीएम द्वारा लोक शिकायत निवारण में लापरवाही के कारण प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुनपुन के विरूद्ध चेतावनी के साथ 5,000/- रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-एम द्वारा लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के 16 मामलों की सुनवाई एवं समाधान किया गया

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; शिकायतों के निवारण में स्वेच्छाचारिता, शिथिलता या संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगीः डीएम

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, संवेदनहीनता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुनपुन के विरुद्ध कार्रवाई की गयी। उनपर 5,000/- रुपये का अर्थदंड लगाया गया एवं उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी भी दी गयी।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 16 मामलों की सुनवाई की गई एवं समाधान किया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्री विद्या चौधरी, शहर/ग्राम-पैमार, प्रखंड-पुनपुन, अनुमण्डल-मसौढ़ी, जिला-पटना द्वारा दिनांक 03.11.2022 को अनुमण्डलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय, मसौढ़ी में परिवाद समर्पित किया गया था। परिवादी की शिकायत राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का लाभ प्रदान करने में अनावश्यक विलंब से संबंधित थी। उनके द्वारा द्वितीय अपीलीय प्राधिकार-सह-जिला पदाधिकारी, पटना के कार्यालय में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का लाभ अनुमण्डल पदाधिकारी की स्वीकृति के उपरान्त भी नहीं मिलने के कारण अपील दायर किया गया था। अनुमण्डल पदाधिकारी, मसौढ़ी द्वारा दिनांक 16 जनवरी, 2021 को ही योजना का लाभ देय हेतु स्वीकृति दी गयी थी फिर भी लाभार्थी श्रीमती पुनिया देवी, पति-स्व. उमेश चौधरी (अपीलार्थी श्री विद्या चौधरी की माताजी) को इस योजना का लाभ दिनांक 22 फरवरी, 2023 के पश्चात ही दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि यद्यपि योजना के तहत राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ की राशि रू. 20,000/- (बीस हजार रूपया) डीबीटी द्वारा लाभार्थी श्रीमती पुनिया देवी को बैंक खाता के माध्यम से सफलतापूर्वक भुगतान कर दिया गया है फिर भी उनको योजना का लाभ देने में दो साल से अधिक का अनावश्यक विलंब किया गया। जिलाधिकारी ने इसपर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह आपत्तिजनक है। यह लोक प्राधिकार प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुनपुन की लोक शिकायत निवारण के प्रति शिथिलता, अरूचि एवं लापरवाही को प्रदर्शित करता है। जनहित की एक महत्वपूर्ण योजना का लाभ प्रदान करने में विलंब के कारणों के बारे में उनका जवाब भी संतोषजनक नहीं है।

डीएम डॉ. सिंह ने लोक प्राधिकार प्रखंड विकास पदाधिकारी, पुनपुन के विरूद्ध इन आरोपों के कारण 5,000/- रुपये का अर्थदंड अध्यारोपित करते हुए उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी दी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

 

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