पटना : बारह घंटे तक काम करने वाला श्रमिक बिरोधी अध्यादेश वापस हो:-पूर्व मंत्री

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉo सुरेश पासवान ने श्रम कानून में किए गए बदलाव पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी संघर्ष एवं आंदोलन के बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय श्रम कानून लागू किया गया, जिसमें श्रमिकों को आठ घंटे काम करने का अधिकार हासिल हुआ।लेकिन वर्तमान सरकार श्रमिक बिरोधी अध्यादेश के जरिए उसे बारह घंटे करने का निर्णय लिया है जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है।इसलिए इस श्रमिक बिरोधी अध्यादेश को हर हालत में वापस लिया जाना चाहिए।लगता है वर्तमान सरकार की बागडोर पुंजीपतियो, उद्योगपतियों तथा कल कारखाने चलाने वाले कंपनियों के हाथों में गिरवी है, जिससे जब चाहे तब अपने हिसाब से अपने पक्ष में जैसा चाहे वैसा कानून बनवाने में कामयाब हो जा रहे हैं।चाहे इसका असर जो भी हो।आज पुरी दुनिया कोरोना वैश्विक महामारी से त्रस्त है उससे हमारा देश भी अछुता नहीं है और ऐसे वक्त में एकाएक अध्यादेश के जरिए इस तरह का काला कानून को लागू करना कहां का न्याय है।यानि वर्तमान मोदी सरकार के नजर में मजदूरों का कोई मोल नहीं है।इसलिए आनन फानन में इस कानून को लाया गया है।डॉo पासवान ने करोड़ों श्रमिकों के आहत भावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार से मांग किया है कि अविलंब इस श्रमिक बिरोधी काला कानून को वापस लिया जाए, नहीं तो देश भर के मजदूरों को आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी सारी जवाबदेही वर्तमान सरकार की होगी।