किशनगंज : महिला विकास निगम द्वारा विशेष जागरूकता व क्षमता निर्माण सत्र का हुआ समापन
महिलाओं की सुरक्षा, सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता पर दिया गया विशेष बल

किशनगंज,12सितंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, महिला विकास निगम, किशनगंज द्वारा संचालित 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान के अंतर्गत दिघलबैक प्रखंड के सभागार में आयोजित विशेष जागरूकता एवं क्षमता निर्माण सत्र का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला मिशन समन्वयक मोहम्मद शाहबाज़ आलम ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण से संबंधित केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा व लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
मिशन शक्ति की योजनाओं की दी गई जानकारी
कार्यक्रम के दौरान सखी वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन सहित मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रतिभागियों को जागरूक किया गया।
PCPNDT अधिनियम, 1994 के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण पर रोक एवं दंडात्मक प्रावधानों की भी जानकारी दी गई। इसका उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोककर लिंगानुपात को संतुलित करना है।
वन स्टॉप सेंटर और जेंडर विशेषज्ञों की सक्रिय सहभागिता
वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रोशनी ने उपस्थित महिलाओं को बताया कि किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न की स्थिति में 181 नंबर पर संपर्क कर सहायता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने आशा, सेविका, जीविका दीदी कैडर से योजनाओं की जानकारी लेने की भी सलाह दी।
जेंडर विशेषज्ञ सुशील कुमार झा ने लैंगिक समानता, बाल संरक्षण और नारी सशक्तिकरण पर अपने विचार रखते हुए कहा, “सशक्त महिलाएँ न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।” उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता केवल अधिकारों की बात नहीं, बल्कि सम्मान और बराबरी की सोच है।
बाल संरक्षण और मानव तस्करी पर भी जागरूकता
श्री झा ने मानव तस्करी को अमानवीय कृत्य बताते हुए इसे रोकने के लिए सशक्त कानून एवं सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता जताई। साथ ही बाल संरक्षण पर बोलते हुए कहा कि,
“हर बच्चे को शिक्षा, पोषण और सुरक्षित वातावरण मिलना उसका अधिकार है और समाज की जिम्मेदारी भी।”
उल्लेखनीय उपस्थिति
कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना कार्यालय, दिघलबैक की सभी महिला पर्यवेक्षिकाएँ, सेविकाएँ एवं कर्मी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि वे प्राप्त जानकारी को अपने समुदाय तक पहुँचाएँ, ताकि एक सशक्त, समान और सुरक्षित समाज का निर्माण किया जा सके।


