पटना : बिहार आने वाले मजदूरों से रेल किराया लेना महा अन्याय:-डॉ० सुरेश पासवान

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ सुरेश पासवान ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी कहते हैं कि राज्य के खजाने पर गरीबों का आपदा के समय में पहला अधिकार है, तो बिहार आने वाले प्रवासी मजदूरों से रेल का किराया क्यों वसुला जा रहा है, क्या गरीबों मजदूरों के आने के पहले ही राज्य का खजाना खाली हो गया। इसलिए ऐसे वक्त में मजदूरों से रेल किराया लेना महा पाप से कम नहीं है।इसलिए दावे के साथ कहा जा सकता है कि बिहार सरकार की मंशा प्रवासी मजदूरों के प्रति अभी भी ठीक नहीं है।क्योंकि जितना भी नोडल अधिकारी विभिन्न राज्यों में नियुक्त किए गए हैं उन सबका मोबाइल हमेशा बंद मिलता है।राज्यों के लिए रजिस्ट्रेशन कराने हेतु एक एप लिंक जो जारी किया गया है वो भी हमेशा व्यस्त ही रहता है, जब सिस्टम ही फेल रहेगा तो समझा जा सकता है कि बिहार की सरकार बिहार से बाहर फंसे छात्रों एवं मजदूरों को लाने के लिए कितना संवेदनसील है।इसलिए बिहार विधानसभा में नेता बिरोधी दल श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी ने बिहार के मजदूरों को वापस लाने हेतु 2000 हजार बस देने का निर्णय लिया तो अहंकारी बिहार की सरकार कोई हां, ना में जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा।अब मजदूरों को बिना रेल किराया लिए लाने के लिए पच्चास ट्रेन का भांडा ड्राफ्ट के द्वारा बिहार सरकार को ट्रांसफर करने का ऐलान किया है तो इसमें भी नीतीश बाबू चुप्पी साध लिए है।आखिर क्या चाहते हैं नीतीश कुमार और कैसे लाना चाहते हैं बिहार के मजदूरों को।डॉ पासवान ने कहा है कि छात्रों एवं मजदूरों को बिहार लाने का जो गति है उससे लगता है कि महीनों लग जाएगा फिर भी मजदूर नहीं आ पाएंगे अपने घर। छः दिन में पांच ट्रेन बिहार आईं जिसमें छह हजार छात्र और मजदूर अभी आए हैं जबकि बिहार के कुल आबादी का लगभग दस प्रतिशत लोग बाहर फंसे हुए हैं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गति से कितना समय लगेगा मजदूरों को बिहार वापस आने में। इसलिए मजदूरों के प्रति यदि सरकार जरा भी संवेदनशील है तो हरेक राज्य से दर्जनों ट्रेन प्रति दिन खोलवाना चाहिए, नहीं तो डबल इंजन की सरकार को ऐलान करना चाहिए कि हम आपको घर वापस लाने में असमर्थ हैं इसलिए जो जहां है वहीं धैर्य पूर्वक रहें या आपलोग खुद ही अपने बल बूते घर वापस आने का उपाय करें। वशर्तें रास्ते में कहीं रोक टोक नहीं किया जाना चाहिए।