पथ संचल व शस्त्र पूजन हमारी संस्कृति है – व्यापक

पाटन – पाटन खंड के नावा मंडल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पथ संचलन सह शस्त्र पूजन का कार्य विधि पूर्वक संपन्न किया। जिसमें पूरे पाटन खंड से सभी स्वयंसेवकों ने अपने पूर्ण गणवेश में अनुशासित रहकर पथ संचलन में हिस्सा लिया व समाज को यह संदेश देने का प्रयास किया कि आप भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और यहां बताए जा रहे अनुशासन, जीवन जीने की कला, समय की बचत को अपने जीवन में उतारें।
वहीं पलामू विभाग के विभाग प्रचारक व्यापक जी ने लोगों को देवी देवताओं के व हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी का उदाहरण देते हुए लोगों को शस्त्र पूजन की महता को बताया। सर्वप्रथम शिवाजी ने भारतीय जनमानस में गौरव का भाव पैदा करने का कार्य किया लोगों में हीन भावना घर कर गई थी कि अब एक बड़े साम्राज्य की स्थापना नहीं की जा सकती है जिसे शिवाजी ने पूर्ण करके दिखाया। उन्होंने कहा कि हम जिन देवी देवताओं की पूजा करते हैं उनमें एक भी ऐसे देवता नहीं हैं जो बिना अस्त्र-शस्त्र के सुसज्जित हैं। उनके पास अपार शक्तियां हैं, वह जो चाहे कर सकते हैं, लेकिन बिना अस्त्र-शस्त्र के कभी उनकी तस्वीरों को हमने नहीं देखा और आप में से भी किसी ने नहीं देखा होगा। शस्त्र पूजन का उद्देश्य किसी को डराना नहीं है, बल्कि वर्ष में एक बार अपने अस्त्र-शस्त्र के रखरखाव को देख लेना है। क्योंकि पड़े – पड़े बहुत से अस्त्र-शस्त्र या तो धूल फांकने लगते हैं या उन में जंग लगने लगता है। शस्त्र पूजन का मतलब है आसुरी शक्तियों पर दैवी शक्तियों की विजय है। प्रभु श्री राम इसी विजयादशमी के समय रावण को जीत कर असुर साम्राज्य का अंत करने में सफल रहे । क्योंकि धर्म की रक्षा करना ही देवी देवताओं का परम कर्तव्य है। महाभारत काल में जब पांडवों को 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास हुआ था उस समय अज्ञातवास के उपरांत पांडवों ने भी अपने अस्त्र शस्त्रों का पूजन कर हस्तिनापुर को वापस आए थे ।आज का समय ऐसा है कि हमें शस्त्र और शास्त्र दोनों को महता देना ही पड़ेगा। आज हम ऐसे समय से गुजर रहे हैं जहां केवल शास्त्र से बात बनने वाली नहीं है , आज जो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा मजबूत हो गए हैं वह कमजोर वर्गों पर अपना दबदबा बनाना चाहते हैं । जबकि स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हर एक जाति पंथ और क्षेत्र की मर्यादा को तोड़कर अखंड भारत का सपना संजोए हुए हैं । आने वाले समय में अखंड भारत का सपना भी पूर्ण होगा, बस जरूरत यह है कि प्रत्येक घर से कम से कम एक स्वयंसेवक शाखा में जरूर आएं । क्योंकि शाखा से ही व्यक्ति का निर्माण होता है, व्यक्ति का निर्माण मतलब उसमें अनुशासन, चरित्र निर्माण मुख्य रूप से दो बातें होती हैं । मौके पर झारखंड प्रांत के शारीरिक शिक्षण सह प्रमुख अवधेश जी, पलामू विभाग के शारीरिक शिक्षण प्रमुख उमाकांत जी, पलामू जिला के जिला कार्यवाह सत्येंद्र जी, होली चाइल्ड स्कूल के निर्देशक वीरेंद्र प्रसाद, पाटन खंड के खंड कार्यवाह गोविंदा प्रसाद, खंड सह कार्यवाह सत्येंद्र कुमार, नावा मंडल के मंडल कार्यवाह उपेंद्र वर्मा, बस्ती प्रमुख गौतम जी, पाटन खंड के व्यवस्था प्रमुख छोटू जी, पूर्व सांसद सह भाजपा नेता मनोज कुमार, भाजपा जिला मीडिया सह प्रभारी नवेन्दु मिश्र, महिला मोर्चा जिला मंत्री पिंकी विश्वकर्मा, पाटन मंडल अध्यक्ष संजय सिंह, शिक्षक संजय पांडे विधायक प्रतिनिधि संजय सिंह, अशोक तिवारी, नावा थाना प्रभारी समेत नावा क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण जनता उपस्थित थे।