किशनगंज : परिवार नियोजन को सशक्त बनाने को लेकर जन प्रतिनिधियों की सहभागिता जरूरी : जिलाधिकारी

एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम 15 मार्च को सम्राट अशोक भवन में होगा आयोजित।
- जिले के शहरी एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधि को कार्यक्रम में भाग लेने की डीएम ने की अपील।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, शाब्दिक रूप से परिवार नियोजन का अर्थ साधारणतः दो या तीन सन्तानों को जन्म देकर परिवार के आकार को नियोजित रूप से सीमित रखना समझा जाता है। परिवार नियोजन से तात्पर्य एक ऐसी योजना से है, जिसमें परिवार की आय, माता के स्वास्थ, बच्चों के समुचित पालन पोषण तथा शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त समय पर और एक आदर्श संख्या में सन्तानों को जन्म दिया जाए। विदित हो की जिले में रविवार 05 मार्च से मिशन परिवार विकास अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह अभियान आगामी 25 मार्च तक चलेगा और दो चरणों में पूरा होगा। इसी क्रम में सरकार की ओर से परिवार नियोजन को सशक्त बनाने को लेकर परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत अस्थायी सेवाओं को शत प्रतिशत लागू करने के लिए आगामी 15 मार्च को जिले के जनप्रतिधियो के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से किया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि परिवार नियोजन व्यक्ति और समाज दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि कम बच्चो पर व्यक्ति उनका अच्छे से पालन-पोषण कर सकेगा जो आगे अच्छे नागरिक बनेगा, जिसके कारण समाज उन्नत बन सकेगा तथा समाज का स्तर ऊपर उठेगा। इस कार्यक्रम को समुदाय एवं स्थानीय स्तर के पंचायत जनप्रतिधियों की सहभागिता से ही परिवार नियोजन को प्रभावी रूप में लागू करने पर ही देश का आर्थिक रूप से तीव्र विकास संभव है। गरीबी, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता को कम किया जा सकता है।और विकसित भारत की कल्पना कर सकते हैं। इसीलिए आप सभी जन प्रतिनिधियों से अपील है की आगामी 15 मार्च दिन बुधवार को दो पालियो में शहरी क्षेत्र के सम्राट अशोक भवन, खगड़ा किशनगंज में आयोजित उन्मुखीकरण कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रभारी सिविल सर्जन-सह- एसीएमओ डॉ सुरेश प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के बारे में समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। जिसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम मानी जाती है। क्योंकि परिवार नियोजन में अस्थायी रूप से नवीन गर्भ निरोधक अंतरा एवं छाया को महिलाओं के द्वारा सहजता से स्वीकार किया जा रहा है। परिवार नियोजन से संबंधित उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमे जिले के सभी जिला परिषद अध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया, उप मुखिया, शहरी क्षेत्र नगर परिषद् एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एवं सभी वार्ड सदस्य की उपस्थिति अपेक्षित है। उन्होंने बताया की हाल ही में जारी किए गए शोध के अनुसार बताया गया है कि परिवार नियोजन की सेवाओं को सुलभ बनाकर अनचाहे गर्भ के मामले में 70 फीसदी, मातृत्व मृत्यु दर में 67 फीसदी, नवजात मृत्यु दर में 77 फीसदी व प्रसव संबंधी जटिलता के मामलों में दो तिहाई तक कमी लाई जा सकती है। जिला योजना समन्वयक-सह-नोडल पदाधिकारी ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कुल प्रजनन दर, प्रति महिला बच्चों की कुल संख्या में कमी, आधुनिक गर्भनिरोधों के उपयोग को बढ़ाने, गर्भनिरोधक साधनों की सामुदायिक स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करने एवं परिवार नियोजन के प्रति जन-जागरूकता को बढ़ाने के लिए उच्च कुल प्रजनन दर की सूची में शामिल बिहार में मिशन परिवार विकास की शुरुआत की गयी है।