“कृषि विपणन की चुनौतियाँ एवं सुधार की दिशा” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन
कृषि विपणन निदेशालय के माध्यम से बाजार व्यवस्था बेहतर बनाने की पहल -राम कृपाल यादव

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/कृषि भवन, पटना के सभागार में आज “कृषि विपणन की चुनौतियाँ एवं सुधार की दिशा” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में माननीय कृषि मंत्री, बिहार श्री राम कृपाल यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यशाला की अध्यक्षता प्रधान सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री पंकज कुमार ने की।
माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लैंड टू कंज़्यूमर की एक सुदृढ़ एवं डिजिटाइज्ड व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक है। उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी आपूर्ति शृंखला को पारदर्शी, दक्ष और समयबद्ध बनाना होगा। इसके साथ ही कृषि उत्पादों की विश्वस्तरीय पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं गुणवत्ता मानकों को अपनाना समय की मांग है, जिससे उत्पादों का मूल्य बढ़े, बाजार में विश्वसनीयता बने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सके।
माननीय कृषि मंत्री, बिहार श्री राम कृपाल यादव ने कहा कि बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। हमारे किसान मेहनत से उत्पादन करते हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चुनौती खेती के बाद के चरण, अर्थात् कृषि विपणन में सामने आती है। यदि किसान को सही समय पर, सही बाजार और उचित मूल्य नहीं मिले, तो उसकी मेहनत का पूरा लाभ उसे नहीं मिल पाता।
माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के संकल्पों को साकार करने के लिए किसानों का सर्वांगीण उत्थान अत्यंत आवश्यक है।
माननीय मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की इस समस्या को गंभीरता से समझती है और इसके स्थायी समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में एपीएमसी अधिनियम के निरसन के बाद, चतुर्थ कृषि रोड मैप के विजन के अंतर्गत वर्ष 2024 में कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया गया है। इस निदेशालय का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना तथा भंडारण, विपणन, मूल्य संवर्द्धन, प्रसंस्करण, निर्यात संवर्द्धन और ग्रामीण हाटों के विकास को बढ़ावा देना है।
माननीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में बिहार में कृषि विपणन से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ बाजार तक पहुँच, आवश्यक अवसंरचना का विकास और ग्रामीण हाटों का सुदृढ़ीकरण हैं। इन चुनौतियों के समाधान हेतु सरकार द्वारा कई सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों को डिजिटल माध्यम से बाजार से जोड़ने के लिए ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्म को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
उन्होंने विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, किसान प्रतिनिधियों, एफपीओ और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे जमीनी स्तर की समस्याओं और उनके व्यावहारिक समाधानों पर अपने सुझाव साझा करें। माननीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और किसान हित में ठोस निर्णय लेगी।
प्रधान सचिव कृषि विभाग श्री पंकज कुमार ने कहा कि कृषि क्षेत्र को सशक्त एवं लाभकारी बनाने के लिए एक सुदृढ़ और संगठित विपणन चेन का विकास अत्यंत आवश्यक है। कृषि उत्पाद का आवागमन व्यवस्था को बेहतर बनाकर न केवल समय की बचत की जा सकती है, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बनाए रखी जा सकती है। इसके लिए कृषि विपणन के क्षेत्र में एक स्पष्ट और व्यवहारिक रोडमैप तैयार करना जरूरी है, ताकि उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो सके। साथ ही कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने पर भी समान रूप से ध्यान देना होगा, जिससे किसानों की कुल आय में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। होल्डिंग कैपेसिटी बढ़ाने हेतु कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस और अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण से किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने और उचित समय पर बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें लाभकारी मूल्य प्राप्त होगा। इन सभी प्रक्रियाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए एक सशक्त और पारदर्शी बाजार सूचना तंत्र अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो किसानों को सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
उन्होंने कहा कि यदि उत्पादन के साथ-साथ विपणन, भंडारण, मूल्य संवर्द्धन और निर्यात पर समन्वित रूप से कार्य किया जाए, तो बिहार के किसानों की आय में वास्तविक और स्थायी वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है।
इस अवसर कृषि विभाग के विशेष सचिव श्री वीरेन्द्र प्रसाद यादव, अपर सचिव, श्रीमती कल्पना कुमारी, संयुक्त सचिव श्री मदन कुमार सहित विभागीय वरीय पदाधिकारी एवं किसानगण उपस्थित थे।


