बाल विकास परियोजना गड़हनी का हाल बदहाल नहीं लेने वाला कोई सुध।।….

दोपहर तक कार्यालय में लटकता है ताला,बाहर लगता है दलालों का जमावाड़ा
गुड्डू कुमार सिंह:-गड़हनी। 12 बजे तक लेट नहीं 2 बजे तक भेंट नहीं कहावत आईसीडीएस गड़हनी के कर्मियों पर बिल्कुल सटीक बैठता है।यहाँ के कर्मी बिल्कुल बेलगाम हो गए।इन्हें न तो अपने विभाग के काम की चिंता है न ही वरीय अधिकारियों का डर।जब मन किया कार्यालय आये नहीं तो नहीं आये।बीते दिनों पत्रकारों की टीम जब बाल विकास परियोजना कार्यालय का जायज़ा लेने पहुँची तो सभा कक्ष और सीडीपीओ आफिस में ताला बंद था।कार्यालय में चार कर्मी प्रधान लिपिक डाटा ऑपरेटर व प्रखण्ड समन्यवक उपस्थित थे जबकि दो मे से एक भी महिला पर्यवेक्षिका न तो उपस्थित थी न ही उपस्थिति पंजी में उनका हस्ताक्षर था।
वहीं कुछ कर्मियों का 22 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर भी नहीं था।लोगों ने बताया कि जबसे नई सीडीपीओ को प्रभार मिला है तब से आईसीडीएस कार्यालय की स्थिति बद से बद्दतर हो गई है।न वो खुद आती है और न ही उनका कर्मी।तीन मे से एक ही कार्यालय खुलता है।स्थानीय लोगो द्वारा बताया गया कि महिला प्रवेक्षिका का कार्यालय आने जाने का कोई समय नही है जब मन मे आया आ गये जब मन मे आया चल दिये।सबसे बडी बात तो यह है कि एलएस द्वारा समय से हाजिरी नही बनाया जाता।मनमाने ढंग से कार्यालय चल रहा है।इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है कि प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों का क्या हाल होगा।