किशनगंज : अवैध खनन की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं: रासमुद्दीन फैज
रसिया, सूखानी, बिलाती बाड़ी, साबोडांगी, कादोगांव, तातपौआ, सूरीभिट्ठा, बारहपोठिया, बांसबाड़ी मालिनगांव, कोवालडांगी और इंडो नेपाल सीमा से होकर बहने वाली मेची नदी जो भवानीगंज और दल्लेगांव गांव के बीच से होकर बहती है वहां भी नियम के विरुद्ध अवैध खनन का सिलसिला लगातार जारी है
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किशनगंज, 15 जनवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में खुलेआम नियमों और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए जेसीबी द्वारा अवैध खनन कर ट्रैक्टर से परिवहन करवाया जाता है। प्रतिदिन मामला प्रकाश में आ रहा है और बुधवार को भी मामला प्रकाश में आया है कि ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में बालू और मिट्टी का अवैध खनन चरम सीमा पर है। इसके पीछे का कारण ईंट भट्ठा।
गौर करे कि ईंट भट्ठा का सीजन आते ही मिट्टी माफिया एक्टिव हो जाते हैं और क्षेत्र में गरीब किसानों को प्रलोभन देकर उनके जमीन से नियम के विरोध मिट्टी की खुदाई कर ईंट भट्ठा को दिलवाते हैं जिससे ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।
प्रखंड क्षेत्र में अवैध खनन के साक्ष्य इस तरह मौजूद है कि एनएच 327ई पर खड़े होने से साफ-साफ दिख जाते हैं। अवैध खनन के कारण क्षेत्र धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं जिसका दुष्प्रभाव अब देखने को भी मिल रहा है दिन प्रतिदिन बढ़ते ईंट भट्ठा के बढ़ते तादाद से पर्यावरण भी दूषित होती जा रही है। ईंट भट्ठा से निकलने वाले जहरीले धुएं भी वायु को दूषित कर रहे हैं इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। लगातार मिट्टी के अवैध खनन से आने वाले समय में बहुत बुरा और बहुत बड़ा दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है क्योंकि क्षेत्र में खनन नियम के विरोध प्रतिदिन किया जा रहा है।
कुछ चिन्हित जगह में रसिया, सूखानी, बिलाती बाड़ी, साबोडांगी, कादोगांव, तातपौआ, सूरीभिट्ठा, बारहपोठिया, बांसबाड़ी मालिनगांव, कोवालडांगी और इंडो नेपाल सीमा से होकर बहने वाली मेची नदी जो भवानीगंज और दल्लेगांव गांव के बीच से होकर बहती है वहां भी नियम के विरुद्ध अवैध खनन का सिलसिला लगातार जारी है।
गौर करे कि अवैध खनन से संबंधित खबरे लगातार प्रकाशित किया जा रहा है फिर भी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है जो अपने आप में सवाल खड़े कर रही है! बुधवार को अवैध खनन को लेकर मुखिया प्रतिनिधि मो. रसमुद्दीन फैज का कहना है कि मिट्टी का अवैध खनन कर ईंट भट्ठा तक परिवहन करवाया जाता है। लगातार क्षेत्र में बढ़ते ईंट भट्ठा के कारण क्षेत्र प्रदूषित हो रहा है चिमनी से निकलने वाली धुंआ बीमारी का कारण बनती जा रही है।
गरीब किसानों की जमीन है जहां वह खेती करते हैं ईंट भट्ठा के प्रदूषण के कारण मजबूरी में गरीब किसान मिट्टी बेच रहे हैं वहीं फलदार वृक्षों में फूल निकलते ही प्रदूषित वातावरण के कारण आम जैसे फलदार वृक्ष के टिकोले बड़े होने से पहले ही सड़ने लगते हैं। ईंट भट्ठा की एक दूसरे से दूरी कितनी होनी चाहिए यह भी पता नहीं चल पा रहा है तकरीबन 200 मीटर के बीच में ही भट्ठा संचालित है जिसका कोई नियमावली नहीं है। जोकि मिट्टी के नमी को खत्म कर देता है जिसके कारण फसल नहीं हो पाती है।ईंट भट्ठा में मिट्टी का उत्खनन कर परिवहन करवाने को लेकर रसूखदार लोगों को चुना जाता है जिस पर गरीब लोग बोलना तो दूर की बात उंगली तक नहीं उठा सकते, रसूखदार के खौफ के कारण कोई कुछ नहीं बोलता है जिसके चलते अवैध खनन का सिलसिला जारी है। आगे उन्होंने बताया कि अवैध खनन को लेकर कोई शिकायत सुनने वाला तक नहीं है। ईंट भट्ठा के कारण भारी वाहनों का परिचालन भी होता है जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है।