केआईवाईजी 2025: ओलंपिक में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ एनआईएस पटियाला एथलीट सैराज ने 81 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतते हुए तीन युवा राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़े
मुकेश कुमार/हरियाणा की तमन्ना ने लड़कियों के 71 किग्रा वर्ग में स्नैच रिकॉर्ड तोड़ा; तायर रोनिक ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में अरुणाचल प्रदेश का पहला भारोत्तोलन स्वर्ण पदक जीता
राजगीर, 12 मई: महाराष्ट्र के भारोत्तोलक सैराज राजेश परदेशी ने यहां राजगीर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सोमवार को 81 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतते हुए अपने ही नाम दर्ज तीन युवा राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ डाला। सैराज ने कुल 312 किग्रा (140 किग्रा स्नैच + 172 किग्रा क्लीन एंड जर्क) वजन उठाया। उन्होंने इससे पहले दोहा, कतर में दिसंबर 2024 में हुए एशियन चैंपियनशिप में 139 किग्रा (स्नैच), 171 किग्रा (क्लीन एंड जर्क) और 311 किग्रा (कुल वजन) के रिकॉर्ड बनाए थे।
आंध्र प्रदेश के एम. तरुण ने कुल 287 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक जीता, जबकि उत्तर प्रदेश के आयुष राणा ने 264 किग्रा के साथ कांस्य पदक हासिल किया।
दिन का समापन हरियाणा की तमन्ना के स्वर्ण पदक के साथ हुआ, जिन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में राज्य के लिए भारोत्तोलन में पहला स्वर्ण पदक जीतते हुए लड़कियों के 71 किग्रा वर्ग में स्नैच का नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 86 किग्रा का भार उठाया, जो कि दिल्ली की चेल्सी द्वारा इस वर्ष जनवरी में इटानगर में आयोजित इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बनाए गए 85 किग्रा के रिकॉर्ड से एक किलोग्राम अधिक था। आंध्र प्रदेश की चल्लबथुला जुहीथा गुना ने कुल 171 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक जीता, जबकि केरल की रेणुमोल पी आर ने 164 किग्रा के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।
तमन्ना का यह रिकॉर्ड अब तक प्रतियोगिता का 10वां रिकॉर्ड रहा।
2024 से पटियाला स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (NIS) में कोच अल्केश बरुआ के मार्गदर्शन में 2024 से प्रशिक्षण ले रहे सैराज अपने विरोधियों से काफी आगे रहे। उन्होंने चेन्नई में पिछले साल इसी वजन वर्ग में जीता गया स्वर्ण पदक सफलतापूर्वक बचाया।
इससे पहले 2023 में इंदौर में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में उन्होंने 73 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था। सैराज को 2021 में साई के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE), औरंगाबाद में शामिल किया गया था, जहाँ उन्होंने कोच डी.डी. शर्मा से प्रशिक्षण लिया।
सैराज ने कहा. “शुरुआत में मेरा लक्ष्य रिकॉर्ड तोड़ना नहीं था। मैं एक-एक लिफ्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहा था, लेकिन जैसे-जैसे प्रतियोगिता आगे बढ़ी, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने का निश्चय किया। मैं अपने परिवार, कोचों और सरकार का धन्यवाद देना चाहता हूं। मेरा सपना है कि मैं ओलंपिक में भारत के लिए पुरुष भारोत्तोलन में पहला पदक जीतूं। कर्णम मल्लेश्वरी और मीराबाई चानू ने तो यह कर दिखाया है, लेकिन भारतीय पुरुष अब तक ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाए हैं – मैं यह बदलना चाहता हूं।”
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) के अगले महीने भार वर्गों में बदलाव की योजना के तहत, सैराज अब अधिक वजन वर्ग में जाने की योजना बना रहे हैं। 17 साल के सैराज कहते हैं,“मैं अब 88 किग्रा वर्ग में जाना चाहता हूं, क्योंकि आईडब्ल्यूएफ के नियमों में यह बदलाव होने की संभावना है। अधिक शरीर के वजन के साथ मैं अपनी लिफ्टिंग और बेहतर कर सकता हूं। एनसीओई का हिस्सा बनने के कारण मुझे विश्वस्तरीय कोचिंग, प्रशिक्षण सुविधाएं और रिकवरी सपोर्ट मिलता है, जो एक भारोत्तोलक के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा, मुझे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए सभी खर्चों की सुविधा मिलती है। मैं खेल मंत्रालय और साई का आभार प्रकट करता हूं।”
अन्य प्रमुख परिणाम
अरुणाचल प्रदेश के तायर रोनिक ने 73 किग्रा वर्ग में 154 किग्रा का क्लीन एंड जर्क उठाकर राज्य के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। इन खेलों में अरुणाचल प्रदेश का पहला स्वर्ण पदक है। उन्होंने कुल 267 किग्रा वजन उठाया, जो असम के हेमंता दोइमारी से सिर्फ एक किलोग्राम अधिक था। मध्य प्रदेश के हिमांशु कुशवाहा ने 255 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता।
तायर ने कहा, “यह मेरी पहली खेलो इंडिया पदक है और मैं बेहद खुश हूं। मैंने पिछले तीन राष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक नहीं जीता था, जिससे मैं काफी निराश था। मैं पिछले साल अक्टूबर के नेशनल्स के बाद अपने गांव तक नहीं गया और खुद से वादा किया कि जब तक मैं पदक नहीं जीतूंगा, तब तक घर नहीं जाऊंगा।”
युवा बालिका वर्ग 64 किग्रा में, आंध्र प्रदेश की गुज्जाला वर्षिता ने कुल 174 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। यह ओडिशा की टिकी मोहिनी मलिक से दो किलोग्राम अधिक था। वर्षिता, ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी के गृहनगर श्रीकाकुलम से आती हैं और उनका लक्ष्य है कि वह राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करें।
वर्षिता ने कहा, “मैं यहां स्वर्ण पदक जीतकर बहुत खुश हूं। मेरा अगला लक्ष्य नेशनल्स में अच्छा प्रदर्शन करना और कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स के ट्रायल्स में क्वालीफाई करना है। मेरी आदर्श कर्णम मैम हैं और मैं भी देश का नाम रोशन करना चाहती हूं।”
दूसरी ओर, टिकी, जो ओडिशा के गंजाम जिले के मालुकुटुपुली गांव से हैं, 2021 से भुवनेश्वर के हाई परफॉर्मेंस सेंटर में प्रशिक्षण ले रही हैं। वह एक धान किसान मगुनी मलिक की बेटी हैं और कोच के. वेंकट लक्ष्मी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रही हैं। उनका अगला लक्ष्य ओडिशा राज्य चैंपियनशिप और फिर नेशनल चैंपियनशिप है।
दिन की पहली प्रतियोगिता में, महाराष्ट्र की तनुजा सुभाष पोल ने युवा बालिका 59 किग्रा वर्ग में कुल 171 किग्रा (71+100) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। आंध्र प्रदेश की थरंगिनी करंगी ने 170 किग्रा वजन उठाकर रजत और असम की भावना गोगोई ने 167 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता। तनुजा महाराष्ट्र के सातारा जिले के कराड शहर से हैं और कोच सम्राट पवार के अधीन प्रशिक्षण लेती हैं। भावना हरियाणा के बिलासपुर स्थित कर्णम मल्लेश्वरी भारोत्तोलन अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं और उनका सपना है भारत का प्रतिनिधित्व करना।
परिणाम (RESULTS):
युवा बालिका 59 किग्रा:
स्वर्ण – तनुजा सुभाष पोल (महाराष्ट्र) – 171 किग्रा, रजत – थरंगिनी करंगी (आंध्र प्रदेश) – 170 किग्रा, कांस्य – भावना गोगोई (असम) – 167 किग्रा
युवा बालक 73 किग्रा:
स्वर्ण – तायर रोनिक (अरुणाचल प्रदेश) – 267 किग्रा, हेमंता दोइमारी (असम) 266 किग्रा, कांस्य – हिमांशु कुशवाह (मध्य प्रदेश) 255 किग्रा
युवा बालिका 64 किग्रा: स्वर्ण – गुज्जला वर्षिता (आंध्र प्रदेश) 174 किग्रा, रजत – टिकी मोहिनी मलिक (ओडिशा) 172 किग्रा, कांस्य – शताब्दी भुइयां (असम) 171 किग्रा
युवा बालक 81 किग्रा: स्वर्ण – सैराज परदेशी (महाराष्ट्र) 312 किग्रा, रजत – एम तरूण (आंध्रे प्रदेश) 287 किग्रा, कांस्य – आयुष राणा (उत्तर प्रदेश) 264 किग्रा
युवा बालिका 71 किग्रा वर्ग परिणाम: स्वर्ण – तमन्ना (हरियाणा) – 187 किग्रा, रजत – चल्लबथुला जुहीथा गुना (आंध्र प्रदेश) – 171 किग्रा, कांस्य – रेणुमोल पी आर (केरल) – 164 किग्रा
—