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पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आज नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास प्रबंधन-सह-अनुश्रवण समिति की बैठक।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद :-इस बैठक में समिति के सदस्यगण यथा सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान), जिला परिषद् अध्यक्ष द्वारा मनोनीत सदस्य, जिला समन्वयक (पहुँच एवं विशेष कार्यक्रम) तथा जिला समन्वयक (समावेशी शिक्षा) भी उपस्थित थे।

समिति के सदस्य-सचिव जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्राथमिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा अभियान) द्वारा एजेंडावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री अमित कुमार द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास की स्थापना हेतु महंथ हनुमानशरण उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजापुर एवं एफएनएस अकादमी उच्च माध्यमिक विद्यालय, पटना का चयन किया गया है। भवन निर्माण होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मध्य विद्यालय, कुम्हरार एवं बालक मध्य विद्यालय, अमलाटोला गर्दनीबाग में छात्रावास का संचालन किया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को छात्रावास के संचालन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्था करने का निदेश दिया। वार्डेन, शिक्षक एवं अन्य कर्मियों के प्रतिनियोजन, आवश्यक सामग्रियों के क्रय, आवश्यकतानुसार एनओसी संबंधित मामले में अंचलाधिकारी से समन्वय स्थापित करने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को गर्दनीबाग अस्पताल एवं राजेन्द्र नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को छात्रावासों से टैग करने को कहा ताकि छात्रों का स्वास्थ्य जाँच किया जा सके।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को लक्ष्य समूह के बच्चों को चिन्ह्ति करने के उद्देश्य से श्रम अधीक्षक एवं सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास प्रबंधन-सह-अनुश्रवण समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर नामित करने के लिए कार्रवाई करने का निदेश दिया। छात्रावास के रिक्त पदों पर चयन हेतु जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी तथा जिला लेखा पदाधिकारी जिला स्तरीय नियोजन समिति में जिला पदाधिकारी द्वारा नामित पदाधिकारी रहेंगे।

गौरतलब है कि 06-18 आयु वर्ग के निम्नलिखित बच्चे नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास में प्रवेश हेतु पात्र होंगेः-

* अनाथ (अभिभावकविहीन) बच्चे।
* भीख मांगनेवाले बच्चे।
* रेलवे प्लेटफार्म या बस पड़ाव पर रहने वाले बच्चे।
* कूड़ा-कर्कट चुननेवाले बच्चे।
* देह व्यापार से जुड़े परिवार एवं ट्रांसजेंडर समुदाय के बच्चे।
* वैसे बच्चे जिन्हें विद्यालय पहुँचनेे में भौगोलिक/सामाजिक कठिनाई हो रही हो।
* घुमंतु परिवार के बच्चे।
* उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के बच्चे।
* वैसे बच्चे जिनके माता-पिता अपने काम के सिलसिले में पलायन कर जाते हों।
* दिव्यांग बच्चे, जिनके पास बंेचमार्क डिसैबिलीटी (40ः या इससे अधिक) का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र हो।
* बाल श्रम से विमुक्ति के उपरांत अभिभावकों को सौपे गये बच्चे।

डीएम डॉ. सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को छात्रावास संचालन समिति की प्रावधानों के आलोक में नियमित अंतराल पर बैठक कराने, बच्चों के चयन एवं नामांकन की कार्रवाई के पूर्व छात्रावास संचालन हेतु सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा छात्रावास हेतु बच्चों के चयन एवं नामांकन के संबंध में मार्ग-दर्शिका के अनुरूप कार्रवाई करने का निदेश दिया। छात्रावास की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहना चाहिए। सीसीटीवी एवं अग्निशमन यंत्रों की समूचित संख्या में उपलब्धता रहनी चाहिए। छात्रावास के बच्चों एवं कर्मियों की उपस्थिति जाँच हेतु बायोमैट्रिक अटेन्डेंस प्रणाली कार्यरत रहेगी। कर्मियों के मानदेय का नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। आवासीय छात्रावास के निरंतर अनुश्रवण एवं शैक्षणिक अनुसमर्थन के लिए जिला संसाधन समूह गठित रहेगी जिसमें खेल-कूद विशेषज्ञ, सांस्कृतिक कार्यक्रम विशेषज्ञ, शिक्षाविद एवं अन्य रहेंगे।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास छात्रों के हित के लिए एक महत्वपूर्ण परिकल्पना है। कठिनतम समूह के वैसे बच्चों जो विद्यालय से अभी भी दूर हैं तथा विषम परिस्थिति में जीवन यापन करने वाले अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए नेताजी सुभाषचन्द्र बोस आवासीय छात्रावास के माध्यम से गुणवतापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी बच्चों के लिए गुणवतापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी पदाधिकारी सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

 

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