*NEET-UG 2025 की गलत आंसर Key को चुनौती, छात्र शिवम गांधी रैना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका*
*NEET-UG 2025: तीन सवालों के गलत जवाब से रैंक गिरी, छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी*

सुमित रंजन पाण्डेय:–नई दिल्ली। NEET-UG 2025 परीक्षा में गलत आंसर Key जारी करने के मामले में छात्र शिवम गांधी रैना ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि NTA ने NCERT पाठ्य पुस्तकों के स्पष्ट प्रमाणों के बावजूद प्रश्न क्रमांक 136 (कोड 47) सहित कई प्रश्नों के गलत उत्तरों को सही नहीं किया। इससे याचिकाकर्ता को 5 अंकों का नुकसान हुआ है, जिससे उनकी रैंकिंग प्रभावित हुई और मेडिकल प्रवेश में बाधा उत्पन्न हुई है। याचिका में तत्काल आंसर Key सुधारने, नए सिरे से रिजल्ट जारी करने और आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है। “NCERT की कक्षा 11 की जीव विज्ञान पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 245 पर स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि एड्रीनल कॉर्टिकल हार्मोन्स हृदय गति को नियंत्रित करते हैं, फिर भी NTA ने इस सबूत को नजरअंदाज कर दिया,” याचिकाकर्ता के वकील एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने बताया। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की शीघ्र सुनवाई की उम्मीद है, क्योंकि मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। पूरा मामला क्या है? 3 जून को NTA ने प्रोविजनल आंसर की जारी की थी। छात्र को उसमें Q.52, Q.136 और Q.140 के जवाब गलत लगे।n4 जून को उसने NCERT की किताबों के आधार पर आपत्ति दर्ज की।nलेकिन 14 जून को जब फाइनल आंसर की आई, तब भी Q.136 का जवाब नहीं बदला गया। इस वजह से छात्र के 5 नंबर कट गए – 4 नंबर सवाल का गलत जवाब होने की वजह से और 1 नंबर नेगेटिव मार्किंग से। इसका क्या असर हुआ?nछात्र को कुल 565 अंक मिले। ऑल इंडिया रैंक 6783 और जनरल कैटेगरी में रैंक 3195 आई। उनका कहना है कि अगर 5 नंबर और मिलते, तो रैंक बहुत बेहतर होती और उन्हें बेहतर मेडिकल कॉलेज मिल सकता था। सुप्रीम कोर्ट में क्या मांग की? NTA को आंसर की दोबारा जांचने का निर्देश दिया जाए। जिन सवालों के जवाब गलत थे, उनके नंबर दिए जाएं। नया रिजल्ट जारी किया जाए और जब तक ये सब न हो, काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। छात्र के वकील एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने कहा, “NCERT की किताब में साफ लिखा है कि एड्रीनल कॉर्टिकल हार्मोन दिल की धड़कन को कंट्रोल करते हैं (पेज 245), लेकिन NTA ने फिर भी Q.136 का गलत जवाब फाइनल आंसर की में रखा है। ये गलत है।” अब सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट पर है क्योंकि जल्द ही मेडिकल कॉलेजों की काउंसलिंग शुरू होने वाली है। अगर फैसला समय पर नहीं आया, तो छात्र का एक साल खराब हो सकता है। याचिका ए ओ आर श्रीराम पी, अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी, वैभव माहेश्वरी, डिम्पल सिरोही, प्रीति सिंह द्वारा दाखिल की गई है।