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*बिहार में प्लास्टिक को रिसाइकिल करने वाले उद्योग लगाने की जरूरतः केंद्रीय सचिव*

– केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने कार्यक्रम को किया संबोधित
– प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के विषय पर राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से आयोजित किया गया कार्यक्रम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार में प्लास्टिक को रिसाइकल करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्लास्टिक का फिर से उपयोग करके कपड़े समेत अन्य सामाग्रियां भी बनाई जाती हैं। इस तरह की रिसाइक्लिंग उद्योग को स्थापित कर बिहार में औद्योगिकीकरण की नई इबारत भी गढ़ी जा सकती है। ये बातें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने कही। वे शुक्रवार को पटना के होटल मौर्य में प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से किया गया था।

केंद्रीय सचिव ने कहा कि प्लास्टिक को रिसाइकल करके प्लास्टिक प्रदूषण को भी काफी कम कर सकते है। बड़ी कंपनियों को बिहार में इससे संबंधित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। जिसने प्लास्टिक से प्रदूषित किया है, उन्हें ही आगे आकर इससे बचाव के लिए पहल करने की जरूरत है। जो गलती करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करना आवश्यक है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसके लिए पहल करने की जरूरत है। इसके लिए रिसाइक्लर्स से भी पक्ष लेकर उनकी कठिनाई भी समझने की जरूरत है।

अब तक देशभर में 28 हजार से ज्यादा ऐसे रिसाइक्लर्स को चिन्हित किया गया है। यूज-एन्ड-थ्रो वाली प्लास्टिक के स्थान पर फिर से उपयोग करने वाली प्लास्टिक को रिसाइकलिंग प्लांट के जरिए शर्ट, जैकेट जैसे अन्य सामान तैयार किये जा सकते हैं। इस तरह के उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके प्रति लोगों का रुझान बढ़ाना चाहिए। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने की सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। ताकि हम आने वाली पीढ़ी को ऐसी धरती सौंपे, जो प्रदूषण मुक्त हो और इसका आने वाली पीढ़ी समुचित तरीके से लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में पर्यावरण के प्रति बच्चों को सजग करने के लिए इको क्लब बनाने की जरूरत है।

विभागीय अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण को काफी प्रभावित कर रहा है। राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है। इस प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में सरकार के साथ ही आम व्यक्ति को भी सभी जानकारी होनी चाहिए। ताकि आम लोगों को जागरुक किया जा सके। राज्य में अभी प्लास्टिक को रिसाइकिल करने वाले 11 प्लांट हैं। इसी तरह प्लास्टिक आधारित उद्योगों की संख्या 7 है। राज्य सरकार ऐसे उद्योगों को अधिक बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

केंद्रीय मंत्रालय के संयुक्त सचिव नीलेश कुमार शाह ने कहा कि जैसे-जैसे लोगों की जीवनशैली विकसित एवं आधुनिक होती जा रही है। वैसे-वैसे प्लास्टिक का उपयोग बढ़ता जा रहा है। इसमें थोड़ी बदलाव करके प्लास्टिक के उपयोग को कम कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्रालय के ही अवर सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण बेहद गंभीर विषय है। इस कम करने की जिम्मेदारी केंद्र के अलावा राज्य सरकारों, नगर निकायों से लेकर प्रदूषण बोर्ड समेत अन्य सभी की है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डीके शुक्ला ने कहा कि फूड चेन में प्लास्टिक शामिल हो जाने से कई तरह के रोगों का कारण बन जाता है। इससे बचाव की जरूरत है। इससे बचाव के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है।

इस मौके पर विभाग के पीसीसीएफ प्रभात कुमरा गुप्ता समेत अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य वन्य संरक्षक एस. चंद्रशेखर ने किया।

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