लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्र में मंत्री चिराग पासवान लोकसभा चुनाव में 5 सांसदों के शत प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ झारखंड विधानसभा चुनाव से पूर्व धनबाद के कोयला नगर स्थित नेहरू स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में “जन आक्रोश रैली” को संबोधित करते हुए प्रदेश की इंडी गठबंधन वाली हेमंत सरकार को झारखंड की बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पूनम जैसवाल/राज्य में समृद्ध खनिज संसाधनों के बावजूद यहाँ की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचों को वर्तमान सरकार ने गर्त और पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया है। उन्होने शासन की दृष्टि से राज्य में भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अक्षमता और राजनैतिक अस्थिरता जैसी समस्या को वर्तमान में झारखंड के समग्र विकास में सबसे बड़ा बाधा बताया है। राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में जेल जा चुके हैं और अभी भी बेल पर बाहर हैं वहाँ सरकार से सुचिता की उम्मीद कैसे की जाए।
झारखंड में रोजगार के अवसर बढ़ाने, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने, पर्यटन स्थलों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं बढ़ाने और कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। भारत के “कोयले की राजधानी (कोल कैपिटल)” के नाम से प्रसिद्ध धनबाद में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की माँग को भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री जी के समक्ष रखने का आश्वशन केंद्रीय मंत्री ने दिया है। इसके साथ राज्य को अपने खनिज संसाधनों के माध्यम से नए प्रभावी और सतत विकास सुनिश्चित करने पर बल दिया है जिससे आर्थिक विकास की राह पर झारखंड को तेजी से बढ़ाया जा सके।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने संबोधन में कहा की मेरे नेता व पिता रामविलास पासवान जी का सपना झारखंड को अग्रणी राज्य बनाना था जिसके लिए वो और उनकी पार्टी कृतसंकल्पित हैं। लोजपा (रामविलास) अपने संस्थापना काल से झारखंड के सभी 24 जिलों में मजबूत स्थिति में है। लोजपा सुप्रीमो ने रामविलास जी के द्वारा गठित दलित सेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सभी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुट जाने को कहा है।
चिराग ने झारखंड सरकार के द्वारा आयोजित सिपाही बहाली में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान सरकारी अव्यवस्था के कारण 16 युवाओं की मौत की ज़िम्मेदार हेमंत सोरेन सरकार को बताया है। लोजपा (रा) सुप्रीमों ने जनसभा के माध्यम से 16 मृतक युवाओं के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा की झारखंड की 16 घरों को उजाड़ने वाली हेमंत सरकार को जनता जवाब देगी। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की जल्द झरिया में विस्थापन और पुनर्वास के विषय को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से उठाने का कार्य करेंगे।
लोजपा प्रमुख ने मंच से कहा की धनबाद जिले में केंद्र सरकार से मिलने वाले राजस्व का बड़ा हिस्सा जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ़) के माध्यम से मिल रहा है जिसका उद्देश्य खनन से जुड़े कामों से प्रभावित आम लोगों और इलाकों के हितों के लिए काम करना है परंतु इस फ़ंड का उपयोग राज्य की हेमंत सरकार मनमाने ढंग से कर रही है। धनबाद जैसे खनिज से परिपूर्ण जिले में अभी 600 करोड़ का फंड है और इसके साथ प्रत्येक वर्ष 250 करोड़ फ़ंड का प्रावधान है जिसके सही उपयोग से खनिज उत्खनन से प्रभावित वंचित अनुसूचित जाती (दलित), पिछड़े और जनजाति (आदिवासी) के आम लोगों का समुचित विकास संभव है।
चिराग ने कहा की झारखंड में खनिज संपदाओं की संगठित लूट को हेमंत सरकार का संरक्षण प्राप्त है। खनिज संपदा के भंडार वाले राज्य झारखंड में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है। राज्य के दूरदराज़ वाले क्षेत्रों में विद्यालयों और अस्पतालों की संख्या और सुविधाओं का घोर अभाव हेमंत सरकार के कार्यकाल में उत्पन्न हुआ है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में दलित और आदिवासी समाज के आम लोगों की बदहाल स्थिति के लिए हेमंत सरकार को चिराग ने जिम्मेदार ठहराया।
केंद्रीय मंत्री ने राज्य में बदहाल बिजली व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है। अन्य राज्यों की तुलना में झारखंड में बिजली की दर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दी गयी है। राज्य में धनबाद, रांची और बोकारो जैसे औद्योगिक शहरों में इस भीषण उमस और गर्मी में मात्र 12 से 14 घंटे बिजली उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में और बदतर हालात हैं। हेमंत सरकार झारखंड की गरीब, दलित और आदिवासी ग्रामीण जनता से 6.30 रूपये प्रति यूनिट, शहरी उपभोक्ताओं से 6.65 रूपये प्रति यूनिट वसूल रही है। अन्य राज्यों में औसत ग्रामीण बिजली की दर 2.50 रूपये और शहरी क्षेत्रों औसत बिजली दर 3.50 रूपये है।
चिराग पासवान ने अपने संबोधन में कहा की झारखंड गरीबी की समस्या से जूझ रहा है। राज्य में कृषि परिस्थितिकी और सामाजिक असमानता के कारण गरीबी बढ़ रही है। झारखंड में 46 प्रतिषत आम लोग के साथ 60 प्रतिषत दलित और आदिवासी समाज गरीबी रेखा के नीचे हैं। झारखंड में पलायन का मुख्य कारण राज्य के 10 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि का अम्लीय होना है जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 48 प्रतिषत है। इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु हेमंत सरकार के कार्यकाल में कोई पहल न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
चिराग ने झारखंड में मानव तस्करी पर सरकार का घेरते हुए कहा की राज्य के दलित और आदिवासी समाज के बच्चों को बाल मजदूरी और नाबालिग लड़कियों को ठग कर दूसरे राज्यों में ले जाने के अनगिनत मामले सामने आने के बाद भी राज्य की सरकार निद्रा में है। झारखंड में मानव तस्करी को रोकने के लिए कड़े कानून पारित करने हेतु राज्य की सरकार विधानसभा में अलग से बिल ले कर आए। वर्षों से झारखंड में अनुसूचित जाती (दलित) और अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) समाज की महिलाएं अंधविश्वास का शिकार होती रही हैं। चिराग ने आम लोगों को विपक्ष के द्वारा फैलाए जा रहे झूठ जिसमे संविधान और आरक्षण पर खतरा बताया गया को “काठ की हांडी“ बताया जो बार बार नहीं चढ़ाई जा सकती है। उन्होंने झारखंड के दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को विश्वास दिलाया कि जब तक चिराग पासवान जीवित हैं तब तक आरक्षण और संविधान को कोई छू नहीं सकता है।
जनसभा में मुख्य रूप से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान, झारखंड के प्रभारी सह जमुई सांसद अरुण भारती, सह प्रभारी सह खगड़िया सांसद राजेश वर्मा, लोजपा (रा) के राष्ट्रीय सचिव एवं सह प्रभारी अरविंद सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार मुन्ना, प्रदेश प्रवक्ता बिहार कुमार सौरभ सिंह, युवा नेता अदित्य विक्रम प्रधान, रवि चौबे के साथ धनबाद जिलाध्यक्ष तथा झारखंड प्रदेश लोजपा (रा) के पदाधिकारी मुख्य रूप से सम्मिलित रहे।