मान्य प्रोटोकॉल के खिलाफ ——— जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक वाली बैनर से राष्ट्रीय अध्यक्ष हीं गायब

त्रिलोकी नाथ प्रसाद , राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जनता दल (यू) का अन्तर्कलह आज उस मुकाम पर पहुँच गया है जहाँ सामान्य शिष्टाचार और प्रोटोकॉल की भी धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। और इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण है राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लगाये गए बैनर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फोटो हीं गायब है।
राजद प्रवक्ता ने कहा है कि पार्टी में सर्वोच्च पद राष्ट्रीय अध्यक्ष का हीं होता है न की किसी राज्य के मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री का। पर दल के अन्तर्कलह की वजह से सामान्य शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का भी ख्याल नहीं रखा गया। यैसे सामान्य शिष्टाचार के तहत राष्ट्रीय परिषद की बैठक मे लगाई जाने वाली बैनर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के साथ हीं राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का फोटो होना चाहिए था।इसके पहले भी पार्टी के अधिकारिक बैनर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जी और उपेन्द्र कुशवाहा जी के फोटो की जगह नीतीश कुमार जी के साथ केवल केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिन्हा का फोटो दिया गया था । इसका स्पष्ट संदेश है कि जदयू एक जाती के अलावा दूसरे किसी जाती का अस्तित्व आज भी स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। ललन सिंह जी और उपेन्द्र कुशवाहा जी को जदयू में केवल मुखौटा के रूप में रखा गया है। साथ हीं जदयू का लोकतांत्रिक स्वरूप भी केवल दिखावटी है। वास्तविक रूप में वह केवल एक व्यक्ति विशेष का पौकेट संगठन है जिसका दायरा एक जाती विशेष के दायरे तक हीं सिमटा हुआ है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद और पार्लियामेंट्री बोर्ड ये सब केवल कोरम पुरा करने के लिए है। व्यवहारिक रूप से उनका कोई स्वायत्त और स्वतंत्र अस्तित्व है हीं नहीं। अन्यथा मान्य प्रोटोकॉल की इस प्रकार घज्जीयाँ नहीं उड़ाई जाती।
राजद प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि निश्चित रूप से यह एक पार्टी का आन्तरिक मामला है। पर चुकी जदयू बिहार की सत्तारूढ पार्टी है और उसके सांगठनिक स्वरूप का प्रभाव भी सरकार के कामकाज पर पड़ता है । इसलिए एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते उसके असलीयत से आमलोगों को अवगत कराना हमारा दायित्व हो जाता है।