किशनगंज : अलविदा जुम्मा की नमाज अदा कर मुस्लिम भाईयों ने अमन व शांति की दुआ मांगी..

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, ईद से पहले आज शुक्रवार को शहरी क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों और सड़कों पर अलविदा जुमा की नमाज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अदा की। माह-ए-रमजान में पड़ने वाले आखिरी जुमा को अलविदा जुमा के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि रमजान माह के तीसरे और आखिरी अशरे में की गई इबादत से रोजेदारों की मनोकामनाएं पूरी होती है।अलविदा जुम्मा की नमाज अदा कर मुस्लिम भाईयों ने अमन व शांति की दुआ मांगी। कोचाधामन के लोकप्रिय पूर्व विधायक-सह-जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने बताया कि अलविदा का मतलब किसी चीज से रुखसत होना होता है। अर्थात रमजान हम सबसे रुखसत हो रहा है। इसलिए अलविदा जुमा में अल्लाह से खास दुआ की गई। ताकि आने वाला रमजान सभी को नसीब हो। अलविदा जुमा की नमाज के बाद सच्चे दिल से अल्लाह से किसी भी प्रकार कर फरियद किया जाए तो अल्लाह बंदे की सभी जायद दुआ कुबूल करते हैं। साथ ही उनके गुनाहों को माफ करते हैं।नमाज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। नमाज पढ़ने वाला इंसान हमेशा ही लोगों की भलाई के लिए काम करता है। साथ ही मानसिक सुकून प्राप्त होने के साथ तनाव भी दूर होता है। आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति में बढ़ोतरी होती है। एक साथ नमाज अदा करने से सामाजिक सदभाव भी बढ़ता है। नमाज पड़ने वाले इंसान समाज के उत्थान के साथ सभ्य और सुशिक्षित समाज निर्माण में अपना अहम योगदान देते हैं। शहरी क्षेत्र स्थित फलचौक, तेघरिया, चूड़ीपटटी, लाइन, खानका चौक सहित कई मस्जिदों में मुस्लिम भाईयों ने शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा किए। वहीं विभिन्न चौक चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। नप कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार सदर थानाध्यक्ष अमर प्रसाद सिंह सहित कई पुलिस पदाधिकारी जगह-जगह सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते दिखे।