मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ, किशनगंज की जीविका दीदियों ने लिया वर्चुअली भाग
हर परिवार की एक महिला को मिलेगा रोजगार का अवसर, खाते में मिलेंगे ₹10,000

किशनगंज,07सितम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह,
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का वर्चुअल शुभारंभ रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर किशनगंज जिले की जीविका दीदियों ने सम्राट अशोक भवन सहित सभी प्रखंड मुख्यालयों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में भाग लिया।कार्यक्रम में जिलाधिकारी विशाल राज, जीविका परियोजना प्रबंधक उदय कुमार, डीपीएम अनुराधा चंद्रा समेत बड़ी संख्या में जीविका दीदियां उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने योजना की विस्तृत जानकारी दी और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
योजना का लाभ ऐसे मिलेगा
जिलाधिकारी विशाल राज ने बताया कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला सदस्य को ₹10,000 की प्रारंभिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इसके बाद रोजगार शुरू करने और मूल्यांकन उपरांत ज़रूरत पड़ने पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का क्रियान्वयन जीविका महिला ग्राम संगठन के माध्यम से किया जाएगा। वहीं, शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग तथा क्षेत्र स्तरीय संगठन (ALF) के माध्यम से योजना लागू होगी।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ
- जो महिलाएं पहले से स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं, वे आवेदन देकर सीधे लाभ प्राप्त कर सकेंगी।
- जो महिलाएं अभी समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले SHG से जुड़ना होगा।
- शहरी क्षेत्र की महिलाएं, जो SHG से नहीं जुड़ी हैं, वे जीविका वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
जागरूकता अभियान जारी
योजना के प्रचार-प्रसार के लिए जिले में जागरूकता वाहन चलाया जा रहा है, जिसमें ऑडियो-वीडियो फिल्मों के माध्यम से गांव-गांव में योजना की जानकारी दी जा रही है।
जिले के सभी सात प्रखंडों में जीविका दीदियों की भागीदारी
किशनगंज के सभी सात प्रखंडों में सामुदायिक संगठनों और जीविका दीदियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया। महिलाओं में इस योजना को लेकर भारी उत्साह देखा गया।
यह योजना राज्य में महिला आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।