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श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा मुजफ्फरपुर जिला में चल रहे जीविका के कार्यों की समीक्षा की गई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-इस क्रम में उन्होंने मुजफ्फरपुर जिला में बनाए जा रहे बैग के निर्माण स्थल का भी मुआयना किया। ज्ञातव्य हो कि मुजफ्फरपुर जिला में बैग कलस्टरर का ब्रांडिंग है। इस बैग क्लस्टर में जीविका के 42 उद्यमी को बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत ऋण प्रदान किया गया है। ऋण की राशि ₹10 लाख है और जीविका से ₹5 लाख की सहयोग राशि दी गई है। कुल ₹15 लाख की राशि से जीविका उद्यमी ने बैग बनाने का कार्य प्रारंभ किया है।

निरीक्षण के क्रम में यह देखा गया कि एक हॉल में 24 मशीन लगे हुए हैं, जिस पर 16 महिला एवं आठ पुरुष काम कर रहे हैं। बातचीत के क्रम में काम करने वाली जीविका दीदी ने बताया कि यदि दिनभर 24 मशीन बैग का निर्माण करें तो एक दिन में 500 बैग का निर्माण किया जा सकता है। निरीक्षण के क्रम में जीविका के D.P.M. ने बताया कि इस बैग क्लस्टर में कुल 1200 जीविका दीदी काम कर रही हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी के जीविका के माध्यम से महिलाओं के आय बढ़ाने की सोच का परिणाम है, कि यह बैग क्लस्टर तैयार किया गया है। इसमें उद्योग विभाग, वियाडा, विद्युत विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस बैग क्लस्टर में 1200 जीविका दीदी सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य परिवार भी परोक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इस प्रकार इस क्षेत्र में बडे पैमाने पर रोजगार का सृजन हो रहा है तथा स्थावनीय स्त।र पर ही लैपटॉप बैग, स्कूएल बैग, बैक बैग, हैंड बैग इत्यायदि लोगों का उपलब्धब हो रहा है ।

इस कार्य में रूचि रखने अन्य लोगों को भी इसका प्रशिक्षण दिया जाता है तथा उन्हें् अपने मन के मुताबिक रोजगार उपलब्धी कराया जा रहा है। बैग निर्माण के अतिरिक्ते यहॉं लहटी निर्माण का कार्य, मधुमक्खीा पालन का कार्य, बकरी पालन का कार्य एवं मुर्गी पालन के कार्य में कई परिवार लगे हुए हैं और अपनी आजीविका के लिए स्व यं पर निर्भर हैं ।

जीविका दीदी के भोजन के लिए बैग निर्माण स्थल पर ही ‘’दीदी की रसोई’’ कार्यरत है। दीदी को घर से लाने एवं ले जाने के लिए परिवहन की भी व्यवस्था की गई है।

 

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