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आयुक्त की अध्यक्षता में इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के रोगी कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक।..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/01 जनवरी, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक 84,959 रोगियों को ओपीडी एवं 11,817 रोगियों को आईपीडी सुविधा उपलब्ध करायी गई, 84,959 को ईसीजी जाँच की सुविधा

नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताः आयुक्त

रोगियों के कल्याण हेतु संस्थान के कार्यों की आयुक्त ने की सराहना

प्रबंधन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना श्री मयंक वरवडे़ ने कहा है कि नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान की रोगी कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त़ ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा कल्याण विभाग के तहत विशेष कार्डियक केयर के लिए राज्य का पहला अस्पताल है। यह सुपरस्पेशलिटि कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल यूनिक विशिष्ट सरकारी अस्पताल है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा रोगियों के हित में अच्छा कार्य किया जा रहा है। सुविधाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए सभी को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्रभावी, कुशल एवं जवाबदेह प्रणाली से ही हासिल किया जा सकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स (हितधारक) इसके लिए प्रयत्नशील रहें।

आज के इस बैठक में आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान द्वारा मरीजों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तुत एजेंडा पर सदस्यों ने एक-एक कर चर्चा की। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं यंत्रों की उपलब्धता, ओपीडी तथा आईपीडी का संचालन, चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, शौचालय, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर संस्थान के निदेशक-सह-सदस्य-सचिव, रोगी कल्याण समिति डॉ. सुनील कुमार द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।

*आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल को मानक गुणवत्ता के अनुसार आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्हें एक सप्ताह के अंदर संस्थान में अधिष्ठापित र्स्टेलाइजेशन मशीन सीएसएसडी को क्रियाशील करने का निदेश दिया गया। पर्याप्त संख्या में मैनपॉवर को कर्तव्य पर लगाने का भी निदेश दिया गया*।

संस्थान के निदेशक ने आयुक्त के संज्ञान में लाया कि रोगी के कल्याण हेतु सरकार के द्वारा उपलब्ध मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष, बाल हृदय योजना , प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों और रोगियों के लिए पेसमेकर/बीएमवी/सीएमवी/वॉल्व रिप्लेसमेन्ट/सीएबीजी और कई अन्य कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए मुफ्त जाँच एवं इलाज की जाती है। शिशु हृदय चिकित्सा एवं शिशु हृदय शल्य चिकित्सा की सुविधाओं को उन्नत किया गया है।

निदेशक ने आयुक्त के समक्ष इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के कार्यों एवं गतिविधियों पर दिनांक 01 जनवरी, 2024 से दिनांक 31 अक्टूबर, 2024 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदन रखा। इस अवधि में संस्थान में 84,959 रोगियों को ओपीडी तथा 11,817 रोगियों को आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। 84,959 रोगियों को ईसीजी जाँच की सुविधा सुलभ करायी गई।

*01 जनवरी, 2024 से दिनांक 31 अक्टूबर, 2024 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदन निम्नवत हैः-*

* आउटडोर रोगियों की संख्याः 84,959

’*इन्डोर रोगियों की संख्याः 11,817

* जाँच की सुविधाः ईसीजी-84,959 ; ईसीएचओ-31,309 ; टीएमटी-4,041; हॉल्टर-1,340 ;एक्स-रे-9,901; पैथोलोजी-1,69,846; सीटी एंजियो-656; कॉरोनरी एंजियोग्राफी-4,301; पीटीसीए-1,500

* वर्तमान वर्ष में किए गए शल्य चिकित्सा का विवरणः परमानेन्ट पेसमेकर इम्प्लांटेशन (पीपीआई)-1,225, टेम्पोरेरी पेसमेकर इम्प्लांटेशन (टीपीआई)-1,776, ओेपेन हार्ट सर्जरी-119

* मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-955

* बाल हृदय योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-479

* राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-71

* प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या-1,323

* संस्थान में कार्यरत चिकित्सकों की संख्याः 85

* दवाओं की उपलब्धताः बीएमएसआईसीएल द्वारा दवाओं की आपूर्ति की जाती है। आवश्यकतानुसार दवाएँ उपलब्ध हैं। अति आवश्यक दवाओं को संस्थान द्वारा भी क्रय कर मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है।

* संस्थान में पेयजल की उपलब्धताः आउटडोर एवं सभी वार्ड में वाटर फिल्टर लगा है एवं क्रियाशील है।

* शौचालय की उपलब्धताः वार्ड में शौचालय की व्यवस्था है।

आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। संस्थान द्वारा इसमें सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आशा है आगे भी संस्थान इसे सुनिश्चित करेगी।

आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान हृदय रोगियों के लिए राज्य का अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान है। उन्होंने संस्थान में कार्डियोलोजी शिक्षण, प्रशिक्षण एवं इलाज में सुविधाओं के विकास पर नियमित तौर पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्वीकृत पदांे के विरूद्ध पदस्थापन हेतु विभाग के निदेशानुसार विहित प्रक्रिया का अनुपालन करने का निदेश दिया। उन्होंने बीएमएसआइसीएल को कार्यों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया।

आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने प्रबंधन तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

आयुक्त श्री मयंक वरवडे़ ने कहा कि दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि संस्थान इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।

इस बैठक में आयुक्त के साथ निदेशक, इंदिरा गााँधी हृदय रोग संस्थान डॉ. सुनील कुमार, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम श्री अनिमेष कुमार पराशर, उप विकास आयुक्त, पटना श्री समीर सौरभ, क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएँ, पटना प्रमंडल, पटना; सिविल सर्जन, पटना डॉ. मिथिलेश्वर कुमार; संस्थान के संयुक्त निदेशक, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी, पटना प्रमंडल श्री विनय कुमार ठाकुर; उप महाप्रबंधक, बीएमएसआईसीएल; क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, स्वास्थ्य पटना प्रमंडल, पटना एवं रोगी कल्याण समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।

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