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कई सरकारी कर्मचारी कर रहे हैं ठेकेदारी जिला प्रशासन को कुछ पता ही नहीं – सूत्र

नवेंदु मिश्र

मेदिनीनगर – पलामू जिले में ऐसे मामले अब आने लगे हैं जिसमें सरकारी कर्मचारी बेखौफ ठेकेदारी कर रहे हैं और विभाग को कुछ पता ही नहीं है क्या यह संभव है बिना विभागीय अधिकारी के मिली भगत के ? सुनने में यह अजीबोगरीब लग सकता है लेकिन सच यही है। कई विभाग ऐसे हैं जिनमे कर्मचारी बायोमेट्रिक सिस्टम से अपना अटेंडेंस न बना करके मैन्युअल हाजिरी बनाते हैं, क्योंकि उन्हें आने और जाने में सहूलियत होता है। पलामू उपायुक्त के देखरेख में कई कर्मचारियों का वेतन भी रोका गया है लेकिन जो सरकारी कर्मचारी ठेकेदारी कर रहे हैं उन पर नकेल कौन कसेगा, यह आने वाला समय बताएगा ? भाजपा जो कहती है कि “हेमंत है तो हिम्मत है” उस बात में सच्चाई भी दिख रही है। प्रत्येक विभाग को अपने कर्मचारियों को यह निर्देश देना चाहिए कि यदि ऐसी कोई संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें आवश्यक कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, और आवश्यकता पड़ने पर नौकरी से बर्खास्त भी किया जाएगा। एक-एक कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी सेवा संपुष्टि भी अभी नहीं हुई है लेकिन बेखौफ वह सारे काम ऐसे कर रहे हैं जैसे वह बिल्कुल साफ सुथरा तरीके से और बिना कानून का उल्लंघन किए हुए कर रहे हैं। नियम कानून केवल गरीबों और मजदूरों के लिए ही है ऐसा जान पड़ता है। बाकी सब कार्य किसी लोभवस या लाभ वस किया जा रहा है यह तो पूर्ण रूप से जांच के बाद ही समझ में आएगा। लेकिन प्रत्येक विभाग अपने-अपने कर्मचारियों से इस बात की पुष्टि कर ले कि उनकी और कहीं संलिप्त तो नहीं है किसी दूसरे कार्यों में।

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