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मधुबनी-जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिए कई निर्देश…

विद्यालयो के नियमित निरीक्षण कर जिला मुख्यालय में जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करवाने का दिया निर्देश ।

जर्जर भवन वाले विद्यालयो की सूची उपलब्ध करवाने का दिया निर्देश ताकि उसकी ससमय मरम्मती करवाई जा सके ।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर हुई विस्तृत चर्चा ।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बृहस्पतिवार देर शाम शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन हुआ।बैठक में बुनियादी साक्षरता एवं संख्याबल कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा हुई और जिले में इसके लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभिन्न सुझाव भी प्राप्त हुए। इस संबंध में उद्देश्य एक लघु वीडियो प्रेजेंटेशन का प्रदर्शन भी किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि एक से पांच तक में बच्चों में कक्षा सापेक्ष दक्षता अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर एक से तीन में तो बच्चों में भाषा व गणित की बुनियादी समझ विकसित होती है। इसके समुचित विकास के मद्देनजर बुनियादी साक्षरता एवं संख्याबल (एफ एल एन) कार्यक्रम अत्यंत सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई बच्चा अपने प्रारंभिक कक्षा में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या की समझ में कमजोर रह जाता है तो जैसे जैसे वह उच्च से उच्चतर कक्षाओं में प्रवेश करता है, पढ़ाई के प्रति उसकी अरुचि बढ़ती जाती है। पूर्व में नेशनल अचीवमेंट सर्वे और एससीईआरटी, बिहार द्वारा किए गए सर्वे इसकी गवाही देते हैं। ऐसे में इस कार्यक्रम की सफलता के लिए आवश्यक है कि विद्यालय के शिक्षकों के साथ साथ अभिभावक और जनप्रतिनिधियों को भी सक्रिय भुनिका निभानी होगी। चूंकि यह मसला हमारे समाज के बच्चों का है, इसलिए विद्यालयों में ऐसा वातावरण बनाना होगा जिससे बच्चों की अभिरुचि कक्षाओं में बढ़े और उनके सीखने की ललक में इजाफा हो। इस संबंध में आवश्यक है कि सभी विद्यालयों में शिक्षक इस दिशा में ठोस पहल करें और बच्चों को भी समय से वर्क बुक हासिल हो। उन्होंने समय समय पर डाइट के माध्यम से इस दिशा किए जा रहे प्रयासों के प्रतिफल की पड़ताल के लिए भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालयों में कक्षा सापेक्ष दक्षता एक बहु प्रतीक्षित कदम है। इसकी सफलता के लिए हम सभी को सतत प्रयत्नशील रहना होगा। एससीईआरटी, बिहार से प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आए हुए कमल नाथ झा ने भी जिलाधिकारी द्वारा बुनियादी साक्षरता एवं संख्याबल कार्यक्रम की सफलता के लिए जिलाधिकारी के दिशाबोध को आवश्यक बताया।

शिक्षा विभाग की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने कई मुद्दों पर समीक्षा की जिसमें बेस्ट एप के माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण, वित्तीय वर्ष 2022/23 के अनुमोदित कार्य योजना एवं बजट के अंतर्गत व्यय विवरणी की पड़ताल, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की गतिविधियां, समावेशी शिक्षा, ई संबंधन पोर्टल की प्रगति, विद्यालयों में शिक्षा समिति का पुनर्गठन, जल जीवन हरियाली योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना, सेवांत लाभ, एमजेसी/सीडब्ल्यूजेसी, शिक्षकों के वेतन भुगतान सहित अन्य मामले शामिल हैं।

बैठक में समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें और निरीक्षण प्रतिवेदन जिला को भेजें। उन्होंने निर्देश दिया कि जिस प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा शून्य निरीक्षण किया गया है, उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित रखा जाए। उन्होंने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से पूछा कि उनके निरीक्षण के क्रम में कितने विद्यालयों में शिक्षक अनाधिकृत रूप से गायब पाए गए। उन्होंने इस शिकायत पर कि वर्तमान में कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक द्वारा भवन निर्माण की राशि का उठाव कर निर्माण कार्य अधूरा रखा गया है, उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे सभी प्रधानाध्यापक पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए और इसकी सूचना जिला को प्रेषित की जाए।

उन्होंने एमडीएम से संबंधित मिलने वाली शिकायतों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि किसी भी सूरत में विद्यालयों मध्यान भोजन बंद नहीं रहना चाहिए। जिलाधिकारी ने कड़े शब्दों में कहा कि वे स्वयं विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे और एमडीएम बंद पाए जाने पर विद्यालय प्रधान के साथ साथ प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर भी कार्रवाई करेंगे। यदि ये पाया जाता है कि मध्यान भोजन बंद रहने से संबंधित कारण सहित प्रतिवेदन पूर्व में ही जिला मुख्यालय को प्रेषित किया जा चुका है, तो जिले के संबंधित अधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। अतः सभी विद्यालयों में मध्यान भोजन गुणवत्तापूर्ण और सुचारू रूप से चलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारी अपने निरीक्षण में बुधवार को छात्र उपस्थिति की तुलना अन्य दिनों से करेंगे और एमडीएम संचालन की समीक्षा में इसका ध्यान रखेंगे।

उन्होंने जिले के जर्जर विद्यालयों की सूचना अविलंब जिला को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय मरम्मती के लिए स्थानीय मुखिया से भी संपर्क कर उन्हें अवगत कराएं तथा पंचायती राज विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं से भी विद्यालय को लाभ दिलाएं।

उक्त बैठक के अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चौधरी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, शैलेंद्र कुमार, एडीपीसी, सतीश कुमार, एससीईआरटी के प्रशिक्षक, कमल नाथ झा सहित शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारी और जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित थे।

बिहार में शराब का व्यापार एवम सेवन पूर्ण रूप से अवैध है। इससे संबधित जानकारी टॉल फ्री नंबर 15545 या18003456268 एवम जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर पर*06276-222576 *जरूर दे। आपकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी।

चमकी से डरे नही,बल्कि सावधानी बरतें,लक्षण महसूस होते ही तुरंत बच्चे को नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाए।**

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