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22 साल बाद प्राक्टय हुए रथयुक्त भग्वान भुवन भाष्कर ( बरूर्णाक बाबा )

गुड्डू कुमार सिंह-तरारी।तरारी प्रखण्ड के सिकरहटा थाना क्षेत्र अन्तर्गत देव पंचायत स्थित द्वापर युग में राजा वरूण द्वारा बसाये गये पौराणिक नाम देव बरूर्णाक चुरामनी डिहरी ,वर्तमान देव चन्दा में स्थापित रथयुक्त भग्वान भुवन भास्कर भग्वान सूर्य नारायण ( बरूर्णाक बाबा ) की मनहारी व् मनमोहक ,दिव्य दर्शन 22 साल बाद यहां बसे 40 घर ब्रहम्मणों के यहॉ सूतक काल नही होने के कारण हो रहा है।मान्यता के अनुसार मुगलकाल में पूरे भारत वर्ष में फैले मूर्ती भंजको द्वारा देश भर में स्नातन प्रेमियों के मंदिरो के नष्ट करने के दौरान मंदिरो में स्थापित मंदिरो के मूर्तीयो कें तोडे जाने के क्रम में ग्रामीणों कें सहयोग से पुजारियो द्वारा भग्वान भास्कर की प्रतिमा मंदिर कें नीचे बने तहखाने में जिस रास्ते राजा पोखरा में नहाने कें बाद मंदिरो में पुजा पाठ करते थे ,उस समय वहाँ सात मदिरे स्थापित है ,जो आज भी टूटे फूटे अवस्था में देखने को मिलता ह्रै।जो कि मूर्ती भंजको द्वारा तोडे गए थे। तब से लेकर आज तक मान्यताओ के अनुसार समय समय पर सूतक काल नही होने पर भग्वान भास्कर प्राक्टय होते है।मंदिर के पुजारी रामनरेश पाण्डेय के अनुसार जानकारी के अनुसार इनके होशों हवास में 1970,1986,व् 1999 के बाद इस वर्ष 2022 मे प्राक्टय हो रहे है । जो कि चार दिवसिय अनुष्ठान कार्तीक मास कें षष्ठी तिथी को भग्वान भास्कर के आदित्य पाठ ,व सप्तमी तीथी को बीज मत्र से 12 घटे का हवन कार्यक्रम से पुजा की शुरुआत कें साथ देव एकादशी तिथी पुनः गर्भ गृह में चले जायेगे ,इसके बाद पुनः संयोग बनने के बाद दिव्य दर्शन हो पायेगा।

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