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बिहार में शराबबंदी के तहत शराब की दुकानें तो बंद हो गई है, लेकिन होम डिलीवरी चालू है: प्रशांत किशोर

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-जन सुराज पदयात्रा के दौरान छपरा में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लागू शराबबंदी पर बात करना बेमानी है। क्योंकि बिहार में शराबबंदी का अर्थ है कि शराब की दुकानें बंद हैं और घर पर डिलीवरी चालू है। बिहार के लोगों ने भी इस बात को सत्य मान लिया है कि शराब हर जगह उपलब्ध है, लेकिन शराब की दुकानें बंद हैं। आज शराबबंदी के नाम पर एक बड़ा माफिया तंत्र बिहार में सक्रिय है, बिहार पुलिस, सरकारी अधिकारी और कुछ माफिया जो इससे जुड़े हैं, वो शराबबंदी से पैसा कमाने में लगे हुए हैं। बिहार सरकार को शराबबंदी से लगभग 20 हजार करोड़ का सालाना नुकसान हो रहा है, पर शराब सक्रिय रूप से हर जगह उपलब्ध है। इसलिए शराबबंदी पर आज बात करने का कोई मतलब ही नहीं बनता है।