*”लाठीमार है बिहार सरकार: प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज से उजागर हुआ नीतीश-मोदी का दानवी रूप”*– राजेश राम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि बिहार की डबल इंजन सरकार सूबे में लाठी तंत्र कायम कर चुकी है। नीतीश कुमार का जेडीयू और मोदी की बीजेपी से बना “लाठी इंजन” तानाशाही पर उतारू है, जहां जनता अपने हक की आवाज उठाए तो पुलिस की लाठियां और पानी की बौछारें उसका जवाब बनती हैं। गरीबों और बेरोजगारों का दर्द से नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी मनोरंजन करते हैं। कथित सुशासन बाबू नीतीश कुमार अब लाठियों और दमन का पर्याय बन गए हैं, और मोदी जी का “अमृतकाल” तो बिहार में लाठियों, पानी की तोपों और गुंडागर्दी का जहरीला काल बन चुका है। बिहार के युवा, छात्र, किसान, मजदूर और अब तो इमरजेंसी एम्बुलेंस ड्राइवर्स तक अपनी जायज मांगों के लिए सड़कों पर चीख रहे हैं, लेकिन जवाब में मिलता है क्या? लाठियों की मार, पानी की बौछारें या फिर सरकार की बेशर्म चुप्पी! कांग्रेस पार्टी इस क्रूर और बेशर्म रवैये की कड़े शब्दों में निंदा करती है और मांग करती है कि नीतीश-मोदी सरकार तुरंत इस जुल्मी दमन पर लगाम लगाए। बिहार को दमन की काली जेल में तब्दील करने के हर प्रयास का कांग्रेस पार्टी विरोध करेगी। भाजपा-जदयू की सरकार को ये समझना होगा कि हक मांगना गुनाह और सवाल उठाना जुर्म नहीं है, ये लोगों का अधिकार है।
पिछले बीस वर्षों से हर तबके की आवाज को कुचला जा रहा है। लाठियां, दमन और बेशर्मी! बेरोजगार युवा, बीपीएससी अभ्यर्थी, टीआरई-3, टीआरई-4 और एसटीईटी जैसी परीक्षाओं में पेपर लीक, बार-बार परीक्षा, सप्लीमेंट्री रिजल्ट और डोमिसाइल पॉलिसी की मांग करने वालों को लाठियों से पीटा जा रहा है। नीतीश जी, आपके “सुशासन” में छात्रों के सपने लाठियों से कुचले जा रहे हैं, और अपराधी सड़कों पर राजा बनकर घूम रहे हैं – वाह, क्या कमाल का इंसाफ है!
फिर भूमि सुधार विभाग के संविदा कर्मचारी, जो पिछले 2-3 दिनों से पटना में बीजेपी कार्यालय के बाहर अपनी बहाली और बकाए वेतन की मांग कर रहे थे, उन पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें घायल कर दिया, जैसे उनकी आवाज कोई जहरीली बीमारी हो। भूमि सर्वेयर अनुबंध कर्मचारी भी पिछले दो दिनों से पटना में लाठी-डंडों से पीटे जा रहे हैं। राशन डीलर और किसान अपनी मांगों – उचित मूल्य दुकानों की बेहतरी और किसान सम्मान – के लिए सड़क पर आए, तो पुलिस ने फिर वही पुराना ड्रामा दोहराया: पानी की तोपें और लाठियां। मोदी जी, आपका “किसान सम्मान” तो लाठियों का तमाशा बन गया है, कितना शानदार “विकास” है ये!
लोगों की जान बचाने वाला डायल 112 के ड्राइवर भी हड़ताल पर हैं। ये पूर्व फौजी अपना बकाया वेतन मांग रहे हैं। इनकी मांग नक्कारखाने में तूती की आवाज बन कर रह गई है।
इन सब जायज मांगों – रोजगार, शिक्षा, जमीन के अधिकार, इमरजेंसी सेवाओं की बेहतरी – को नीतीश-मोदी की सरकार “अपराध” मानती है। कितना हास्यास्पद है ना? सरकार “विकास” का ढोल पीटती है, लेकिन बिहार को अपराध की आग में झोंक दिया है। पिछले कुछ महीनों में क्या हुआ? 24 घंटे में 9 हत्याएं, 10 दिनों में 7 मर्डर, 72 घंटे में 10 से ज्यादा मौतें – गुंडागर्दी से, खुलेआम गोलीबारी से। सड़कों पर आम लोग मारे जा रहे हैं, गांवों में झड़पों में मासूम बच्चे शिकार बन रहे, स्कूलों में बंदूकें चल रही हैं। और ये सब चुनाव से ठीक पहले! क्या ये महज इत्तेफाक है, या बीजेपी-जेडीयू के “सुशासन” का तमाशा? नीतीश जी, आपका वादा था कि अपराध रोकेंगे, लेकिन अब तो गुंडे सड़कों पर राजा बनकर घूम रहे हैं, और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी या तो अस्पताल में पड़े हैं या जेल में सड़ रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी साफ कहती है: ये बीजेपी-जेडीयू का घिनौना और दानवी चेहरा है – जहां हक मांगने वालों पर लाठियां बरसती हैं, जिंदगी बचाने वालों को सड़कों पर धकेला जाता है, और अपराधियों पर फूलों की माला चढ़ाई जाती है। नीतीश-मोदी की ये तानाशाही और बेशर्मी अब हद पार कर चुकी है। बिहार की जनता का गुस्सा फूटने वाला है, और ये सरकार इस दमन और लाठी के राज के लिए कभी माफ नहीं होगी। शर्म करो नीतीश जी, शर्म करो मोदी जी – बिहार के लोगों को इंसाफ दो, वरना ये जनता आपको जवाब देगी!