किशनगंज : सरकारी अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता में बड़ा सुधार, अब निःशुल्क दवाएं सभी के लिए सुलभ
डीवीडीएमएस पोर्टल से दवा आपूर्ति में पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन

किशनगंज, 18 मई (के.स)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में अब मरीजों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं की सतत उपलब्धता और वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। विशेष रूप से ड्रग्स एंड वेक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) पोर्टल ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है।
ऑनलाइन निगरानी से दवा आपूर्ति में आया सुधार
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि अब सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता और खपत की निगरानी डिजिटल माध्यम से की जा रही है। प्रत्येक संस्थान द्वारा अपनी दवा आवश्यकता पोर्टल पर अपलोड की जाती है, जिससे समय पर आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है। इससे पहले जहां दवाओं की कमी एक बड़ी चुनौती थी, वहीं अब यह व्यवस्था अधिक प्रभावशाली बन गई है।
बर्बादी में कमी, उपयोगिता में वृद्धि
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि डीवीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से एक्सपायर होने वाली दवाओं का डेटा पहले ही उपलब्ध हो जाता है, जिससे उन्हें समय रहते अन्य संस्थानों या जिलों में भेजा जा सकता है। इससे दवाओं की बर्बादी में उल्लेखनीय कमी आई है।
गांव-गांव तक पहुंचीं जरूरी दवाएं
ग्रामीण क्षेत्रों में भी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी एएनएम को वीएचएनडी (Village Health and Nutrition Day) और आरोग्य दिवस पर 21 आवश्यक दवाओं की किट उपलब्ध कराई जाती है। इससे ग्रामीण जनता को भी निःशुल्क दवा और प्राथमिक इलाज की सुविधा मिल रही है।
हर स्तर पर दवा उपलब्धता की जानकारी सुनिश्चित
जिला अस्पताल से लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र तक सभी संस्थानों को आवश्यक दवाओं की सूची प्रदान की जाती है और उसकी नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। इससे मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है और अस्पतालों पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव का संकेत
सिविल सर्जन ने बताया कि यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा रही है, बल्कि मरीजों की संतुष्टि और विश्वास भी प्राप्त कर रही है। डिजिटल प्रबंधन प्रणाली ने न केवल दवा वितरण को प्रभावी बनाया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा भी तय की है।