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लखीसराय शिक्षा घोटाला: करोड़ों की लूट और भ्रष्टाचार बेनकाब।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/लखीसराय जिला शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये के गबन का गंभीर मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत आवंटित राशि का गबन किया गया है। आरोप है कि यह घोटाला बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के प्रत्यक्ष संरक्षण में हुआ है।

मुख्य बिंदु:

1. भवनहीन और भूमिहीन विद्यालयों में भवन मरम्मत, बिजली, वायरिंग और बोरिंग के नाम पर लाखों रुपये की राशि निकाली गई।
2. संवेदक निरंजन, जो विद्यालय प्रभारी और शिक्षिका का रिश्तेदार है, ने इस प्रक्रिया में भाग लिया। हनुमानगढ़ी प्राथमिक विद्यालय वलीपुर, जिसका समायोजन उत्क्रमित कन्या मध्यविद्यालय में कर दिया गया था, जिसका प्रभारी गीता रानी के मृत्यु पश्चात प्रभार में आयी पुनम सोनी और उनकी शिक्षिका बहन अनुपम टोनी ने अपने रिश्तेदार को संवेदक विधान विरुध नियुक्त कर फर्जी संचिका निर्माण कर बड़ी राशि का हेराफेरी की है।

उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा पर गंभीर आरोप:

1. आरोप है कि उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के प्रत्यक्ष संरक्षण में लखीसराय शिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये का गबन हुआ है। चुंकि स्थानीय विधायक सह उप मुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने अपने रिस्तेदार और जिला भाजपा नेता श्री हिमांशु को बतौर प्रतिनिधि जिला परिषद की बैठक में भेजते रहे, जहां शिक्षा विभाग पर दवाब बनाने के लिए कई प्रस्ताव देकर पारित कराया और अपने रिश्तेदार जिला परिषद सदस्या से क्षेत्राधिकार से बाहर के विद्यालय सुदृढ़ीकरण की योजना की अनुशंसा कराया गया और उपमुख्यमंत्री के रिश्तेदार हिमांशु के नाम पर कई योजनाओं को अनुमोदित किया गया। साथ ही फर्जी संचिकाएँ तैयार कर सरकारी राशि गबन का प्रयास किया गया और राशि गबन भी हुआ, मामला उजागर होने के बाद संचिकाएँ और सूची कार्यालय से गायब कर दी गईं। इस पर जिला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कड़ा रुख अपनाया, जिसके बाद अनुमोदित सूची समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय लखीसराय से बरामद हुई, लेकिन उक्त फर्जी संचिका अब भी गायब है। जिस संदर्भ में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना सह योजना एवं लेखा शिक्षा विभाग, लखीसराय ने लखीसराय थाना कांड संख्या-184/25 अंकित कराया, जो राजनीतिक दवाब में ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
4. वित्तीय वर्ष 2023-24 में सैकड़ों विद्यालयों में भवन, रसोई घर, शौचालय, बिजली, पानी, चहारदीवारी निर्माण और मरम्मत के नाम पर फर्जी विपत्र, एमवी और उपयोगिता प्रमाण पत्र बनाकर करोड़ों रुपये निकाले गए।
5. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 534 योजनाओं का अनुमोदन किया गया, जिसमें 50 से अधिक योजनाएँ हिमांशु के नाम पर थीं। बिना कार्य किए भुगतान हेतु विद्यालय प्राचार्ययों के फर्जी हस्ताक्षर एवं जाल मोहर से फर्जी संचिका तैयार किया गया और राशि की निकासी करने का प्रयास किया गया। स्थानीय विधायक सह उप मुख्यमंत्री के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से हिमांशु नाम से तैयार फर्जी संचिका कार्यालय से गायब करा दी गयी।
6. वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में लगभग 100 माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य और प्रबंधन समितियों ने भी बिना कार्य किए करोड़ों रुपये का गबन किया। विद्यालय प्रबंधन समिति के पदेन सदस्य स्थानीय विधायक है। जिनके द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि की मिली भगत से विद्यालय विकास कोष से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गयी है।
7. दर्जनों विद्यालय के प्राचार्य ने अपने-अपने हस्ताक्षर को जाली बताते हुए जिलाधिकारी एवं संबंधित थाने को कार्रवाई के लिए आवेदन दिया, लेकिन राजनीतिक दवाब में आवेदन पर कोई प्राथमिकी दर्ज न कर विद्यालय प्राचार्य के विरुद्ध ही प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है।
सीबीआई जांच की मांग: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बिहार राज्य परिषद ने इस घोटाले की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए। चूंकि इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा का प्रत्यक्ष हाथ बताया जा रहा है, इसलिए राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है।

अतः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग करती है। अगर मांग नहीं मानी गई तो उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर करेगी।
नोट- प्रेस संवाद में राज्य कार्यकारिणी सदस्य तथा लखीसराय जिला प्रभारी जितेन्द्र कुमार, जिला पार्टी के नेता व अधिवक्ता रजनीश कुमार भी उपस्थित थे।

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