जनप्रतिनिधियों को मुँह चिढ़ा रहा ब्लॉक रोड ठाकुरगंज।

सड़क जर्जर, बायपास गलियारों से ढूंढ कर गुजरने को लोग विवश।
ठाकुरगंज/सुमितराज यादव, शहर की शान और मुख्य मार्ग अररिया-गलगलिया नेशनल हाइवे को छूती ठाकुरगंज के जलेबियमोर से प्रखंड मुख्यालय के बीच बनी पक्की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई है।सड़क पर केवल बड़े-बड़े पत्थर ही बचे हैं।इससे सड़क पर आम लोगों औऱ वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि इस मार्ग पर पैदल भी चलना मुश्किल हो गया है। परेशान स्थानीय लोगों ने जर्जर हो चुके मार्ग को शीघ्र बनाने की मांग की है।उक्त मार्ग पर पक्की सड़क का पुनर्निर्माण पर यजी हाल है। संवेदकों पर विभागीय अधिकारियों की निगरानी न रहने का परिणाम शहर के स्थानीय लोगों को झेलना पड़ रहा है।पूर्व में भी इस सड़क पर कई गड्ढे मे गिट्टी डाली थी।लेकिन, वर्तमान में सड़क की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है।ग्रामीणों को ग्राम पंचायत से मुख्यालय तक पहुँचने में आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।किसान खाद, बीज लेने व विद्युत बिल का भुगतान करने के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं।इस मार्ग में ही प्रखंड के सभी कार्यालय है।लेकिन, मार्ग जर्जर होने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है।स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क जर्जर होने के कारण कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी हो चुकी है।लेकिन, इसके बाद भी पक्की सड़क निर्माण नहीं कराया जा रहा है।लोगों ने जल्द से जल्द मध्य पक्की सड़क का निर्माण करने की मांग की है।स्टेशन के समीप रेल गुमटी फाटक का गड्ढे में तब्दील होने से सड़क की बुरी दुर्गति हो चुकी है।बड़ी दुर्घटना घट सकती है।स्थानीय लोगों ने बरसात के दिनों में धान रोप कर जनप्रतिनिधियों को आईना दिखलाने का प्रयास किया था।शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश में सड़क की हालात काफी दयनीय हो चुकी है।
प्रखंड मुख्यालय के सभी कार्यालय का एकलौता मार्ग:-
प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए यह एकलौता मुख्य सड़क है। प्रखंड के सभी कार्यालयों के अलावे बैंक, मार्केटिंग यार्ड, उच्च विद्यालय, कई प्रशिक्षण संस्थान, विवाह भवन, पेट्रोल पंप आदि आते है। खासकर स्कूली छात्रों और महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बनकर रह गई है।सड़को पर जमे पानी और कीचड़ के कपड़े में छींटे आने से स्कूली ड्रैस खराब हो गई है।वहीं, सभी सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का भी इस मार्ग से गुजरना होता है।लेकिन, किसी के कानों में जू तक नहीं रेंग रही हैं।
ओवरलोड ट्रकों का प्रवेश से रोड अधिक हुई जर्जर:-
पुलिस और प्रसासनिक अधिकारी को ठेंगा दिखलाकर ओवरलोड डंफर चलाने वाले इंट्री माफियाओं का ग्रहण से हाइवे के बाद शहर की सड़कें भी अछूता नहीं रहा।पहले से क्या कम हालात इस मार्ग की खराब थीं।जो बीते महीनों में धड़ल्ले से ओवरलोड वाहनों के परिचालन से सड़क की स्तिथि और भी दयनीय दशा में आ गई।अब इस मार्ग की जर्जरता के बाद जलेबियमोर मोर से घुसकर भातढाला होकर रुईधसा मार्ग को जाने वाली पक्की सड़क पर भी ख़तरा मंडराने लगा है।ओवरलोड इंट्री माफिया पर लगाम न लगने का दंश शहरवासियों को उक्त रोड की जर्जरता के रूप में झेलने को विवश हैं।
डीएम ने लिया संज्ञान, जल्द मिल सकती है समस्या से निजात:-
जनकल्याण मंच के अध्यक्ष सिकंदर पटेल ने शुक्रवार को जिला पदाधिकारी आदित्य प्रकाश से बातचीत करके सारे मामले से अवगत कराई।पूर्व में स्थानीय नागरिकों के द्वारा धान रोपकर जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता को ठेंगा दिखलाई जाने को लेकर एहसास कराई गई थी।लेकिन, सीएम यात्रा के दौरान मात्र कोरम पूरे करने के अलावे कुछ नहीं किया जा सका।लोगों को उसी जर्जरता का सामना कल भी करना पड़ रहा था।आज भी वही समस्या से गुजरना पड़ता है।शुक्रवार को कई घण्टे बैठकर एक विडियो जारी करते हुए सिकंदर पटेल ने लोगो को सड़क की वास्तविकता दिखलाई है।जिसमें, एक छात्रा साईकिल सवार गिर जाती है।टोटो फँस जाता है।ट्रक बुरी तरह से फंस जाता है।अगर ऐसे दर्द भरे वीडियो सामने आने के बाद भी जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सुधि नहीं ली तो गईल वोट पानी मे वाली कहावत चरितार्थ सार्थक होगा।