District Adminstrationकिशनगंजब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : एचआईवी नियंत्रण के उपायों की मजबूती के लिये युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण।

जिले में युवाओं को एचआईवी के खतरों के प्रति जागरूक करने को लेकर हो रहा जरूरी प्रयास।

  • एड्स को समुदाय स्तर पर जागरूकता फैलाकर ख़त्म किया जा सकता है।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिला एड्स नियंत्रण व बचाव इकाई द्वारा युवक व युवतियों को एचआईवी एड्स के खतरे व इसके नियंत्रण संबंधी उपायों को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला एड्स नियंत्रण इकाई व एचएलएफपीपीटी के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में बुधवार को ईएमटीसीटी कार्येक्रम के बारे में विशेष जानकारी दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसीएमओ डॉ. सुरेश प्रशाद ने कहा कि मदर टू चाइल्ड ट्रांसमिशन के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए सभी महिलाओं की एचआईवी जांच अति आवश्यक है। ताकि ससमय इलाज हो सके। इससे शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में मदद मिलेगी। इसी उद्देश्य के तहत जिले भर में ईएमटीसीटी कार्यक्रम के तहत जिला को एचआईवी मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग कृत संकल्पित है। कार्यक्रम में जिला क्षेत्र पदाधिकारी युवराज सिंह ने एचआईवी व एड्स के संबंध में समुचित जानकारी दी। एचआईवी के प्रसार के कारण, इसकी रोकथाम के लिये सरकारी स्तर से किये जा रहे हैं प्रयास। समाज में इससे जुड़ी भ्रांतियों के प्रति सभी को जागरूकक किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि एचआईवी का अब तक कोई इलाज नहीं है। जागरूकता के दम पर ही इससे बचाव संभव है। एचआईवी की रोकथाम में युवाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने बताया कि एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिये सरकारी स्तर पर कई जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। संक्रमित महिलाओं से होने वाले बच्चों के संक्रमित होने की संभावना काफी अधिक होती है। थोड़ी सी सावधानी रखते हुए इससे बचा जा सकता है। इसके लिये प्रथम तिमाही में सभी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी व सिफलिस की जांच जरूरी है। संक्रमित माता के शिशु को जन्म से 18 माह तक नि:शुल्क ईआईडी सेवा उपलब्ध करायी जाती है। सभी भावी माता व पिता को अपनी एचआईवी जांच जरूरी करानी चाहिये। जोखिमपूर्ण व्यवहार वाले स्त्री व पुरुषों के लिये एचआईवी का जांच कराया जाना बेहद जरूरी है।एचआईवी नियंत्रण को लेकर किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि एचआईवी महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई अब तक जारी है। इस पर नियंत्रण पाने के प्रयासों में हम काफी हद तक कामयाब हुए हैं। लेकिन इस दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बा़की है। पहले एचआईवी संक्रमण के 20 से 25 फीसद मामले ब्लड ट्रांसमिशन के जरिये फैलता था। इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा चुका है। अब मां से बच्चों में एचआईवी संक्रमण के प्रसार को रोकने की दिशा में कारगर पहल किये जा रहे हैं। इसे लेकर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति व एचएलएफपीपीटी अहाना के द्वारा एचआईवी व मां से बच्चों में होने वाले संक्रमण की रोकथाम व इसके प्रति खास कर युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से हम साथी एप लॉच किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button