किशनगंज : जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध 16 दिवसीय एवं 100 दिवसीय अभियान के तहत समाहरणालय में POSH अधिनियम पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

किशनगंज,06दिसम्बर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध 16 दिवसीय अभियान तथा 100 दिवसीय बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सोमवार को समाहरणालय स्थित DRDA भवन में POSH अधिनियम (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2013) पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ DRDA निदेशक, श्रम अधीक्षक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (ICDS), तथा बहादुरगंज, दिघलबैंक और टेढ़ागाछ के बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उपस्थित पदाधिकारियों ने कार्यस्थलों पर महिलाओं की भागीदारी, सुरक्षा और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अपने विचार रखे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य POSH अधिनियम के प्रावधानों और कार्यस्थलों पर महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला मिशन समन्वयक शहबाज़ आलम ने बताया कि POSH अधिनियम 2013 महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने वाला प्रभावी कानूनी ढांचा है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत शारीरिक, मौखिक, इशारों, लिखित या दृश्य किसी भी प्रकार के अशोभनीय व्यवहार को यौन उत्पीड़न माना गया है। यह कानून सरकारी, निजी, संगठित-असंगठित क्षेत्र, शिक्षण संस्थान, हॉस्पिटल, दुकान, NGO, फैक्ट्री, वाहन या किसी भी कार्यस्थल पर लागू होता है।
उन्होंने बताया कि यह अधिनियम केवल घटनाओं के बाद न्याय देने तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए नियोक्ता एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करता है। प्रत्येक संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) का गठन अनिवार्य है ताकि महिलाएं सुरक्षित वातावरण में कार्य कर सकें।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रोशनी परवीन, पारा लीगल पर्सन पवन कुमार, जीएस सुशील कुमार झा, लेखा सहायक बसंत कुमार, सी-बॉक्स पर पंजीकृत सभी संस्थानों के प्रबंधक एवं संस्थापक, जिले की सभी महिला पर्यवेक्षिकाएं, स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि तथा किशनगंज प्रखंड के सभी ANM उपस्थित रहे।



