किशनगंज : शिशु एवं बाल आहार पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
बच्चों के बेहतर पोषण और स्वस्थ भविष्य की ओर कदम, प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों की दक्षता बढ़ाने का एक उत्कृष्ट प्रयास है
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किशनगंज, 25 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में शिशु एवं बाल आहार पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन बुधवार को हुआ। यह कार्यक्रम बच्चों में कुपोषण की समस्या को जड़ से खत्म करने और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी की। बच्चों के जीवन के पहले 1000 दिन उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सबसे अहम होते हैं। इस अवधि में पोषण की कमी न केवल बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, बल्कि उनके संज्ञानात्मक विकास को भी बाधित करती है। जागरूकता की कमी के कारण माताओं और परिवारों को शिशु आहार संबंधी सही जानकारी नहीं मिल पाती, जिससे कुपोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को शिशु और बाल आहार के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करना था, ताकि वे अपने क्षेत्रों में माताओं और परिवारों को सही सलाह और सहयोग दे सकें।
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने कहा कि किशनगंज में कुपोषण और शिशु मृत्यु दर जैसी समस्याएं एक बड़ी चुनौती हैं। IYCF प्रशिक्षण कार्यक्रम इस दिशा में एक अहम कदम है, जो स्वास्थ्य कर्मियों को शिशु आहार के महत्व को समझने और इसे समुदाय में प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगा।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सही आहार प्रथाएं न केवल बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं, बल्कि उनके समग्र विकास को भी सुनिश्चित करती हैं। यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त बनाएगा, जिससे वे माताओं को पोषण के सही तरीके सिखा सकें। कार्यक्रम में नोडल पदाधिकारी सह जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, कि यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों की दक्षता बढ़ाने का एक उत्कृष्ट प्रयास है। इससे वे न केवल शिशु आहार के महत्व को समझेंगे, बल्कि अपने ज्ञान का प्रसार समुदाय में भी कर सकेंगे। यह बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को शिशु आहार की विभिन्न विधियों जैसे स्तनपान, पूरक आहार की शुरुआत, आहार विविधता और सही पोषण आवृत्ति पर प्रशिक्षित किया गया। व्यवहारिक सत्रों के माध्यम से उन्हें माताओं और देखभालकर्ताओं को परामर्श देने की तकनीक भी सिखाई गई।प्रशिक्षक डा. इनामुल हक ने कहा कि प्रशिक्षण के बाद, प्रतिभागी अपने क्षेत्रों में जाकर इस ज्ञान का प्रसार करेंगे और माताओं को बच्चों के सही पोषण के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इससे बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार होगा।
नोडल पदाधिकारी सह जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने भविष्य में इस तरह के और प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना बनाई, ताकि जिले के हर कोने में शिशु और बाल आहार संबंधी सही जानकारी पहुंच सके। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बच्चों के पोषण में सुधार और उनके स्वस्थ भविष्य के निर्माण में एक मील का पत्थर साबित होगा। स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को जिले के विकास में एक सकारात्मक कदम बताया।