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किशनगंज : कमजोर नवजातों के लिए जीवनदायिनी बनी एसएनसीयू

1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2024 तक, एसएनसीयू में कुल भर्ती 2,957 सफल डिस्चार्ज: 1,954

समय पर चिकित्सा सेवा से बचाई जा सकती है मासूम जिंदगियां

किशनगंज, 13 दिसंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, नवजात शिशु, खासकर वे जो समय से पहले जन्म लेते हैं या कम वजन के होते हैं, जीवन के पहले कुछ दिन बेहद नाजुक स्थिति में होते हैं। ऐसे में विशेष देखभाल और समय पर चिकित्सा सहायता उनकी जान बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नवजात मृत्यु दर को कम करना सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3 का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के कारण कई शिशु समय पर उचित देखभाल से वंचित रह जाते हैं।इसी कमी को पूरा करने के लिए जिले में विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) की स्थापना की गई।

यह इकाई नवजातों को जीवन रक्षक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में अग्रणी है। अत्याधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षित डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की मदद से एसएनसीयू गंभीर मामलों को संभालने में सक्षम है। जिले में संचालित विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) ने पिछले चार वर्षों में नवजात शिशुओं की देखभाल में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यह इकाई न केवल जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनी हुई है, बल्कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3, सभी के लिए स्वास्थ्य और कल्याण को पूरा करने की दिशा में भी लगातार प्रयासरत है।

एसएनसीयू इंचार्ज डा. नविन कुमार ने बताया की यह यूनिट समय से पहले जन्मे और कम वजन वाले शिशुओं की चिकित्सा देखभाल के लिए एक प्रमुख केंद्र है। प्रशिक्षित डाक्टर, अत्याधुनिक उपकरण और समर्पित नर्सिंग स्टाफ की मदद से एसएनसीयू ने हजारों जिंदगियां बचाई हैं। एसएनसीयू ने नवजात मृत्यु दर में कमी लाने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई है। यह उन बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की जिलाधिकारी विशाल राज के नेतृत्व में एसएनसीयू की सेवाएं लगातार मजबूत हो रही हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इसे बेहतर बनाने के लिए संसाधन और प्रशिक्षित स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की है। यह स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करता है।

डीएम विशाल राज ने बताया की एसएनसीयू ने नवजात शिशुओं और उनके परिवारों के जीवन में नई रोशनी लाई है। यह इकाई स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में प्रशासन और जनता के बीच समन्वय का उदाहरण है। हर नागरिक को इस सेवा का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एसएनसीयू से जुड़े हर प्रयास का लक्ष्य है हर नवजात को एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य प्रदान करना।

सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की एसएनसीयू न केवल गंभीर स्थिति वाले नवजातों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी आशा की किरण है। नागरिकों से अनुरोध है कि किसी भी नवजात समस्या के लिए एसएनसीयू का लाभ उठाएं। समय पर इलाज से शिशुओं का जीवन बचाया जा सकता है। एसएनसीयू का यह प्रयास जिला स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा योगदान है। यह न केवल चिकित्सा सेवाओं में उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि समुदाय के प्रति समर्पण का भी प्रतीक है। जागरूक रहें और एसएनसीयू की सेवाओं का लाभ उठाकर नवजातों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करें। एसएनसीयू का उद्देश्य नवजात मृत्यु दर को कम करना और शिशुओं को स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। नागरिकों से अपील है कि किसी भी नवजात समस्या के लिए समय पर चिकित्सा सुविधा लें। सही समय पर उपचार से जीवन बचाया जा सकता है।

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