किशनगंज : बच्चों के लिए शतरंज सीखना अत्यंत लाभकारी:-डीडीसी

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, डीडीसी यशपाल मीणा ने कहा कि क्योंकि शतरंज के खेल में तीक्ष्ण बुद्धि का प्रयोग होता है ताकि खिलाड़ी को विजय प्राप्त हो सके अतः यह खेल छोटे बच्चों के मानसिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।अभिभावकों को इस तथ्य पर विचार कर दो साल की उम्र से ही अपने बच्चों को इस बहू उपयोगी खेल को सिखाने का प्रयास करना चाहिए ताकि खेल खेल में उनका तेजी से मानसिक विकास हो सके। साथ ही वे विभिन्न शतरंज संघ द्वारा आयोजित की जाने वाली अंडर-5 एवं अंडर-7 जैसे छोटे आयु वर्गों में सफल होकर विभिन्न प्रकार के लाभ अर्जित करने के साथ-साथ अपने आत्मविश्वास में भी वृद्धि कर सके।कादोगांव के सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शाह के सौजन्य से स्थानीय इंडोर स्टेडियम में जिला शतरंज संघ द्वारा रविवार को आयोजित की गई।एक निशुल्क प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि डीडीसी यशपाल मीणा ने की।संघ के मानद महासचिव शंकर नारायण दत्ता ने जानकारी दी कि संघ की ओर से अपने जिले का अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रशिक्षक तथा संघ के वरीय संयुक्त सचिव कमल कर्मकार एवं उनके सहयोगी सुधांशु सरकार के द्वारा इस प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न विद्यालयों से उपस्थित करीब 70 बच्चों को इस खेल को समझने एवं खेलने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत डीडीसी यशपाल मीणा ने उपस्थित प्रशिक्षुओ में से एरीना पब्लिक स्कूल की धान्वी कर्मकार को, सरस्वती विद्या मंदिर की आस्था केसरी, शौर्य वर्धन एवं प्रज्ञा श्रीवास्तव को, स्पीड किड्स के सुरोंनोय दास को, ठाकुरगंज के स्कूल की अर्पिता अचार्य को, ओरिएंटल पब्लिक स्कूल के शुभम कुमार को, शिशु निकेतन की सिया कुमारी को, सेंट जेवियर्स इंग्लिश मीडियम स्कूल के राजवीर गौतम, विक्रम भारद्वाज एवं कुमारी जिया को संघ की ओर से पारितोषिक भेंट की गई।